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जयपुर के SMS अस्पताल में अब हो सकेंगे हार्ट ट्रांसप्लांट, सीएम ने सोटो कार्यालय और ई-लाईब्रेरी का भी किया लोकार्पण - SMS अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट

प्रदेश में अब हृदय की बीमारी से ग्रसित मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में यह सुविधा शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अस्पताल परिसर में बनाए गए हार्ट ट्रांसप्लांट ऑपरेशन थिएटर का शुभारंभ किया. इसके बाद मेडिकल कॉलेज के सभागार में नवनिर्मित आईसीयूए सोटो कार्यालय और ई-लाइब्रेरी का भी लोकार्पण किया.

jaipur news, जयपुर न्यूज

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Published : Oct 6, 2019, 8:24 AM IST

जयपुर.राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एसएमएस अब और ज्यादा सुविधायुक्त हो गया है. अब तक सवाई मानसिंह अस्पताल में किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट जैसे जटिल ऑपरेशन होते आए हैं. वहीं अब यहां हार्ट ट्रांसप्लांट भी हो सकेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को एसएमएस अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट ऑपरेशन थिएटर के साथ-साथ एसएमएस मेडिकल कॉलेज में सोटो कार्यालय और ई-लाइब्रेरी की भी शुरुआत की है.

जयपुर के SMS अस्पताल में अब हो सकेंगे हार्ट ट्रांसप्लांट

इस दौरान उन्होंने कहा कि समाज में चिकित्सक को भगवान का दर्जा दिया गया है. लेकिन, एक व्यक्ति यदि किसी कारण से चिकित्सकों के साथ अभद्रता करता है तो सभी डॉक्टर्स स्ट्राइक पर चले जाते हैं. जिसका खामियाजा दूसरे मरीजों को भुगतना पड़ता है. कई बार तो मरीज को इलाज नहीं मिलने के कारण मौत भी हो जाती है.

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गहलोत ने महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित 'सत्य के प्रयोग' किताब को पढ़कर उसके नियमों को अपने जीवन में उतारने का आग्रह किया. इस दौरान उन्होंने संजय दत्त अभिनीत फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस का जिक्र करते हुए कहा कि गांधीजी के नियमों और सिद्धांतों को डॉक्टर अपने जीवन में उतार लें तो स्ट्राइक पर जाना तो दूर उसके बारे में सोचेंगे भी नहीं. वहीं सीएम अशोक गहलोत ने शिक्षा और स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकता बताया. साथ ही निजी अस्पतालों को सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें अलग से प्रकोष्ठ तैयार करना चाहिए, जो मरीज की आर्थिक स्थिति को समझते हुए व्यवहार करें.

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वहीं कार्यक्रम में मौजूद रहे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में इन नए आयामों से प्रदेश के मरीजों को राहत मिलेगी. साथ ही यहां से एमबीबीएस कर रहे छात्रों को भी मदद मिलेगी. एसएमएस अस्पताल अब पूरी तरह सुपर स्पेशलिस्ट अस्पतालों की श्रेणी में शुमार हो गया है और अब इसकी सीधी तुलना दिल्ली के एम्स अस्पताल से की जा रही है.

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