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SPECIAL : दृष्टिबाधितों के लिए 9वीं कक्षा की छात्राओं ने बनाई 'स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक'...राह में बाधा आने पर करेगी अलर्ट

दृष्टिबाधितों की राह आसान करने के लिए जयपुर की दो छात्राओं ने स्मार्ट छड़ी बनाई है. इस छड़ी में लगा अल्ट्रासोनिक सेंसर नेत्रहीन को राह के अवरोधकों से अलर्ट करेगा.

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दृष्टिहीनों के लिए 9वीं की छात्राओं ने बनाई स्मार्ट छड़ी

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Published : Mar 15, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 7:21 PM IST

जयपुर. शहर की सरस्वती बालिका विद्यालय की दो बेटियों ने कमाल का एक्सपेरिमेंट करते हुए ब्लाइंड स्टिक बनाई है. जिसे उन्होंने 'स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक' नाम दिया है. कक्षा 9 में पढ़ने वाली खुशी और प्रियंका ने यह इलेक्ट्रॉनिक ब्लाइंड स्टिक प्रोजेक्ट तैयार किया है.

दृष्टिहीनों के लिए 9वीं की छात्राओं ने बनाई स्मार्ट छड़ी

छात्रा खुशी प्रजापत का कहना है कि दृष्टिबाधितों की उपयोगिता के लिए यह उपकरण बनाया है. अगर दृष्टिहीन इस छड़ी का उपयोग करेंगे तो सामने आ रही किसी भी वस्तु के बारे में छड़ी में लगा सेंसर आवाज के जरिए व्यक्ति को पहले ही अलर्ट कर देगा. इससे वे सतर्क हो जाएंगे.

स्मार्ट छड़ी तैयार करती बाल वैज्ञानिक

इस प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाने वाली दूसरी छात्रा प्रियंका का कहना है कि स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक बनाने में एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त लगा है. इसको बनाने में स्कूल की टीचर्स ने भी उनका सहयोग किया है. ये स्मार्ट छड़ी ब्लाइंड मैन के लिए काफी उपयोगी है.

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ऐसे मिली प्रेरणा

इसके पीछे किसी खास मकसद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने एक बार एक ब्लाइंड मैन को सड़क पार करने की कोशिश करते देखा था. उस व्यक्ति को हादसे का डर भी लग रहा था. इसलिए वह सड़क पार नहीं कर पा रहा था. ऐसे में नेत्रहीन की तकलीफ देखकर बच्चियों ने ऐसा उपकरण बनाने की योजना बनाई जो नेत्रहीनों का स्मार्ट साथी बन सके और उन्हें राह दिखा सके.

सेंसरयुक्त छड़ी होगी नेत्रहीनों की मददगार

इस तरह बनाई ब्लाइंड स्टिक

स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक बनाने में बालिकाओं ने आर्डिनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, बैटरी, वायर और एक लकड़ी की स्टिक का इस्तेमाल किया है.

शिक्षिका कविता साहनी का कहना है कि पहले स्टूडेंट्स 11वीं में आकर साइंस लेते थे और उसके बाद वे इस तरह के प्रैक्टिकल वर्क किया करते थे. लेकिन अब कक्षा 6 से ही छोटे बच्चे नए-नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं.

सामने कुछ आया तो सेंसर करेगा आवाज

बच्चियों ने बेहतर सोच के साथ एक पहल की है. बाल वैज्ञानिकों का ये प्रोजेक्ट बड़े लेवल पर लॉन्च हो तो दृष्टिबाधितों के जीवन की मुश्किलों को कुछ आसान जरूर करेगा.

Last Updated : Mar 15, 2021, 7:21 PM IST

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