सीकर.देश में प्याज की चढ़ती कीमतों ने खाने के शौकिन लोगों की रसोई का जायका और बजट भले ही बिगाड़ दिया हो, पर देश का किसान लगभग डेढ दशक के बाद इस कीमत के चलते खुश नजर आ रहा है. इस बार राजस्थान में हुई प्याज की बंपर पैदावार और किसान के घर पर ही प्याज भंडारण की सुविधा के बीच देश के अन्य हिस्सों में बिगड़ी प्याज की फसल ने स्थानीय किसानों की चांदी कर दी है. राजस्थान का प्याज अब देश के कोने-कोने में पहुंच रहा है. देशभर में प्याज की पूर्ति राजस्थान से की जा रही है. इससे किसानों और व्यापारी दोनों खुश हैं.
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इस साल किसान बेच रहे ऊंचे दामों पर प्याज
जाहिर है कि पिछले साल प्याज ने किसानों की आंखों में आंसू ला दिए थे. तब कई किसानों के प्याज को मंडी तक लाने के खर्चे की भरपाई नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार किसान पिछले साल की निराशा भूलकर ऊंचे दाम में प्याज बेच रहे हैं. ईटीवी भारत की जानकारी के मुताबिक सिर्फ अलवर की प्याज मंडी में रोजाना पचास हजार प्याज के कट्टों की आवक हो रही है. वहीं जिले से करीब 10 हजार कट्टे दिल्ली में भी बिकने के लिए जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने प्याज उगाने वाले अगृणी जिलों में शुमार सीकर के किसानों से बात की, तो खुशी उनकी बातों में साफ नजर आई. यहां तक की फिर से इन लोगों ने फसल की तैयारी कर ली.
65 से 75 रुपए प्रति किलो में मंडियों के थोक भाव
बीते हफ्ते की अगर बात करें, तो किसानों ने 65 से 75 रुपए प्रति किलो में मंडियों के थोक भाव पर प्याज बेचा है. किसानों का कहना है कि प्याज के इतने अधिक दाम पहले कभी नहीं मिले. खास तौर पर अलवर की मंडी से प्याज ऊंचे दाम पर देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा रहा है. यहां तक की शेखावटी के किसान भी अलवर तक जाकर अपना प्याज बेचकर ऊंचा मुनाफा कमा रहे हैं. जबकि चंद किसान ऐसे भी हैं, जिन्हें अब प्याज भंडारण नहीं करने और सस्ते दामों में उपज बेचने का मलाल भी है. इधर राजस्थान में बंपर प्याज की उपज के बाद इसे एक्सपोर्ट किया जा रहा है. जिससे नजदीकी राज्यों के साथ-साथ अब अफगानिस्तान से भी प्याज मगंवाया गया है.
बढ़ती कीमतों पर कृषि मंत्री का बयान
वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया की राय प्याज की बढ़ी कीमतों पर सिसायस से ऊपर नहीं है. वह सीधे से सवाल का जवाब भी भाजपा और कांग्रेस के शासनकाल की तुलना में तोलते हुए दिखाई देते हैं, पर कीमतों पर नियंत्रण कैसे हो, इस सवाल का जवाब लालचंद कटारिया ने केन्द्र के पाले में डाल दिया.