जयपुर.छोटी काशी जयपुर में आज शीतलाष्टमी यानी बास्योड़ा (Sheetala Ashtami 2022) हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. माता के मंदिरों में शीतला अष्टमी की पूजा अर्चना की जा रही है. शीतला माता मंदिर में ठंडे पकवानों का भोग लगाकर और माता की पूजा अर्चना कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जा रही है. राजधानी जयपुर के आमेर स्थित नई माता मंदिर में शीतलाष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की गई. सुबह से ही माता के भक्तों के आने का सिलसिला जारी है. आज माता का विशेष पर्व बास्योड़ा पारंपरिक रीति रिवाज से मनाया जा रहा है. भक्त माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.
बता दें, शीतलाष्टमी के एक दिन पहले घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं. जिसके बाद आज शीतलाष्टमी के दिन सभी ठंडे पकवानों का माताजी के दरबार में भोग लगाया जा रहा है. घर से महिलाएं माताजी के जयकारे लगाती हुई दरबार में पहुंची. भक्तों ने माताजी के पुरी, राबड़ी, दूध, दही, पापड़ी, पेठा, हलवा, मुगथाल, नमकीन, सहित अनेक पकवानों का भोग लगाया. सभी भक्त अपने परिवार की खुशहाली की दुआ मांगने के लिए माता के दरबार पहुंचे.
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आज शीतलाष्टमी के अवसर पर शाम को भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा. जिसमें हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन लाभ लेने पहुचेंगे. श्रद्धालुओं का मानना है कि जो भी बच्चा जन्म लेता है उसको माता रानी के पास लाने से चेचक का रोग नहीं होता है और अगर किसी को चेचक जाता है, तो माता रानी की शरण में यह रोग हमेशा के लिए मिट जाता है. सभी भक्त अपने परिवार की खुशहाली की दुआ मांगने के लिए माता के दरबार पहुंच रहे हैं.
वहीं, चाकसू शील की डूंगरी में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक लक्खी मेला आज पूरे परवान पर है. लाखों श्रद्धालु श्रद्धाभाव के साथ मां शीतलामाता के दर मत्था टेक, ठंडे पकवानों का भोग लगाकर अपनी मुरादे पूरी कर रहे हैं. मेले में बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं का हुजुम कल शाम से ही देखते बन रहा था, जो आज अलसुबह से पूरा परवान चढा हुआ है. इस मेले की खास बात यह रहती है कि इस दिन घरों में खाना नहीं बनाया जाता और अगले दिन बनाए गए ठंडे पकवानों का ही माता को भोग लगाया जाता है. परिवार के सभी लोग घर पर बासा भोजन ही ग्रहण करते हैं, जिससे माता खुश रहती हैं.