जयपुर.पुलवामा अटैक के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बार फिर सवाल खड़ा करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि इसका सबूत ना हमारे पास है और ना ही सरकार के पास. वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा खुद स्वीकार किए जाने पर कि बालाकोट में लोग मरे हैं, इस बात पर थरूर ने कहा कि ये मैंने पहली बार सुना है. मुझे नहीं पता कि इमरान खान ने मान लिया है कि बालाकोट में लोग मरे हैं.
सर्जिकल स्ट्राइक पर शशि थरूर ने एक बार फिर उठाया सवाल इसके साथ ही शशि थरूर ने देश में हो रहे मॉब लिंचिंग की घटनाओं को भी गाय से जोड़ते हुए कहा कि इन घटनाओं से हमारे देश की छवि धूमिल हो रही है. थरूर ने कहा कि जब मैं विदेश जाता हूं तो लोग पूछते हैं कि आपके देश में गाय के नाम पर ही लोगों की हत्या हो रही है. थरूर ने कहा कि इस तरह के माहौल से देश के निवेश में कमी आ रही है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि देश के हित में जो भी कदम सरकार उठाएगी हम उसके साथ खड़े हैं.
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इस दौरान थरूर ने कहा कि हिन्दुतत्व धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि ये राजनीतिक विचारधारा है. इसलिए हिन्दू धर्म और हिंदुत्व को नहीं जोड़ा जाना चाहिए. दोनों अलग- अलग चीज है. जिस तरह से देश में हिन्दुतत्व के नाम पर हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात की जाती है, हम उसके बिल्कुल खिलाफ हैं. लेकिन हिन्दू धर्म के खिलाफ कोई नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी कांग्रेस पार्टी की सोच थी और उस समय हमने कोशिश भी बहुत की थी. वहीं, बीजेपी सरकार ने जीएसटी को लागू तो कर दिया, लेकिन उसका इम्प्लीमेंटेशन सही नहीं होने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. थरूर ने कहा कि पीएम मोदी ने जगह-जगह शौचालय तो बना दिए, लेकिन 65 प्रतिशत से भी ज्यादा में पानी नहीं है. उज्ज्वला योजना के तहत फ्री गैस सिलिंडर तो दे दिए, लेकिन देश के 90 प्रतिशत लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनको दोबारा रिफिल ही नहीं करवा पाए. अगर कांग्रेस पार्टी होती तो सिलिंडर पर अलग से सब्सिडी प्लान लेकर आती ताकि सिलिंडर भर पाए.
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वहीं, मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि देश की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को निकलकर देश हित में संवाद करना चाहिए. देश में आर्थिक व्यवस्था बड़ी चुनौती बना हुई है, आर्थिक मंदी से सबसे बड़ी मार लघु उद्योग को हुई है. इसको लेकर केंद्र सरकार को सबसे बातचीत कर समाधान खोजना चाहिए. पायलट ने कहा कि बेरोजगारी के लिए सबको मिलकर काम करना होगा.