जयपुर. गीता का जितना अंश बाइबिल में है, उसको अगर हटा दें तो बाइबिल में कुछ ग्रहण करने योग्य सामग्री नहीं बचे. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की बात को दोहराते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जब राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित होने जा रहे थे, तब शपथ ग्रहण के पहले उन्होंने कहा मैं जन्मजात क्रिश्चियन हूं. बाइबिल में मेरी पूर्ण आस्था है, लेकिन सृष्टि संबंधी बाइबिल की जो जानकारी है, आधुनिक विज्ञान ने उस पर पानी फेर दिया है. इतने अंशों में मैं बाइबिल को नहीं मानता.
पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज गोविंद देव जी मंदिर परिसर (Shankaracharya Nischalananda on Hindu religion) में हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी और धर्म सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. उन्होंने मंच से श्रीमद्भगवद्गीता के गूढ़ रहस्यों के आधार पर मानव जीवन की सार्थकता और सनातन धर्म के बारे में बताते हुए कहा सृष्टि के उद्भव का राज जानना हो तो इंसान को भी छात्र और उपनिषदों का ज्ञान लेना चाहिए. क्योंकि वेद शास्त्रों से सम्मत मन को परमात्मा में लगाने से भगवत स्वरूप परमात्मा को पहचान पाएंगे. तब असीम सुख की प्राप्ति होगी. उन्होंने कहा कि आज मोबाइल इंटरनेट के युग में इंसान को श्रीराम का नाम लेने की जरूरत क्यों पड़ रही है. क्योंकि श्री राम, कृष्ण, नारायण इन नामों में वो शक्ति समाहित है जो जीवन को भवसागर से पार कराएगी.
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53 देशों में रहते हैं हिंदूः वहीं शंकराचार्य ने कहा कि दुनिया के 53 देशों में हिंदू रहते हैं. अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए, तो एक साल में मॉरिशस समेत 15 देश हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाएंगे. इस दौरान उन्होंने अपनी मुस्लिम, ईसाई और दूसरे सभी धर्मों के लोगों के पूर्वज भी हिंदू होने की बात दोहरायी. उन्होंने राजनेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि नेता सिर्फ चुनावी वादे करते हैं. चुनाव में कुछ नेता अब ऐसे भी कहेंगे कि आप तो बस मुझे वोट दें और आराम करें. आपके लिए खाना बनाने के लिए भी हमारा आदमी आएगा. लेकिन ये सिर्फ चुनावी वादे होते हैं. हकीकत में ऐसा संभव नहीं है. इसलिए हमारे आसपास की 80 प्रतिशत समस्याओं को हमें मिलकर ही हल करना होगा.
उन्होंने धर्म सभा में मौजूद शक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि यदि वह अपने (Shankaracharya Nischalananda statement on Bible) बच्चों को मिट्टी में खेलने नहीं देंगे तो फिर बच्चों को मिट्टी से प्रेम कैसे होगा? मिट्टी बच्चा नहीं खाए यह तो ठीक है, लेकिन मिट्टी से दूर रखना गलत है. देश की सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें तैयार रहना चाहिए. हर हिंदू सेना और सनातनी हो. हर व्यक्ति बालक-बालिकाओं को सेना का प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए, जिससे वो स्वस्थ रह सकें खुद को और देश को सुरक्षित रख सकें. जैसे झांसी की रानी ने ननिहाल में शस्त्र का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अवसर आने पर उसका उपयोग किया. हिंदू धर्म में तो देवी-देवताओं ने भी शस्त्र धारण किए हुए हैं, जो आत्मरक्षा और समाज की रक्षा का संदेश देते हैं.
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इससे पहले धर्मसभा में कनक बिहारी मंदिर के महंत सियाराम ने कहा कि हिंदू अलग-अलग जातियों में बंट गया है. जो हमारी सबसे बड़ी गलती है. हमें एक होना होगा. अगर अब हम एक नहीं हुए तो पिटेंगे. उन्होंने कहा कि नुपुर शर्मा ने ठीक कहा था, न जाने क्यों उनकी बात पर इतना बवाल हो रहा है. सर्व समाज हिंदू महासभा की ओर से जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में आयोजित इस धर्मसभा में बड़ी संख्या में साधु-संत, बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता और शहर के कई प्रबुद्ध जन भी शामिल हुए.