जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बैंक के चीफ मैनेजर की ओर से सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर दूसरे राज्य में काम कर रही महिला कर्मचारी की लैंगिक प्रताड़ना करने के मामले में कहा है कि डिजीटल युग में दूरी कोई मायने नहीं रखती है. यदि संबंधित महिला दूसरे राज्य में काम करती है, तो मैसेज के जरिए लैंगिक प्रताड़ना करने पर यह माना जाएगा कि घटना समान कार्यस्थल पर हुई है. इसके साथ ही अदालत ने बैंक प्रशासन की ओर से दी गई चार्जशीट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश संजीव मिश्रा की याचिका पर दिए.
अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति जयपुर में तैनात है और वह दूसरे राज्य में तैनात महिला को डिजीटल प्लेटफॉर्म पर प्रताड़ित करता है यह माना जाएगा कि घटना एक ही ऑफिस में हुई है. अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता चीफ मैनेजर है। ऐसे में उसकी ऑफिस अवधि सुबह साढे दस से शाम साढे चार की नहीं मानी जा सकती है.