जयपुर: प्रदेश में साइबर ठगी के प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं और प्रदेश का मेवात क्षेत्र ठगों का नया अड्डा बनता जा रहा है. वर्तमान में मेवात क्षेत्र से साइबर ठग सेक्सटॉर्शन और अन्य तरीकों के जरिए लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाने में लगे हुए हैं. प्रदेश में लगातार बढ़ते साइबर ठगी के प्रकरणों को देखते हुए 1 अप्रैल से राजधानी जयपुर में साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट का गठन किया गया.
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यूनिट के गठन के साथ ही हेल्पलाइन नंबर 155260 भी जारी किया गया है. गत चार महीनों में हेल्पलाइन नंबर पर 10 हजार से भी अधिक साइबर फ्रॉड की शिकायतें प्राप्त हुई है. यह आंकड़ा पूरे प्रदेश से हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली साइबर ठगी के मामलों का है.
Sextortion पर ऐसे लगेगी रोक एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि जैसे-जैसे हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार हुआ है वैसे ही लोगों में इसे लेकर काफी जागरूकता आई है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर से संचालित हेल्पलाइन नंबर पर वर्तमान में प्रतिदिन 100 से भी अधिक शिकायतें पूरे प्रदेश भर से प्राप्त हो रही है. ऐसे बन रही है बिगड़ी बात:हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित शिकायत को तुरंत दर्ज कर उस पर एक्शन लिया जाता है और साथ ही ठगी गई राशि को फ्रीज करवाकर उसे साइबर ठगों के बैंक खातों में जाने से रोका जाता है. राशि को फ्रीज करवाने के बाद पुनः पीड़ित के बैंक खाते में रिफंड करवाया जाता है.
ठगी का शिकार होने वाला व्यक्ति बिना वक्त गंवाए जितना जल्द हेल्पलाइन नंबर पर उसके साथ हुई ठगी की जानकारी देता है उसे उसकी ठगी गई राशि उतना ही जल्द वापस मिलने की संभावना रहती है. हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिसे देखते हुए हेल्पलाइन पर शिकायत सुनने के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या को बढ़ाया गया है. वर्तमान में 30 पुलिसकर्मी 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में हेल्पलाइन पर लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं और शिकायतों पर तुरंत एक्शन ले रहे हैं.
जानें क्या होता है सेक्सटॉर्शन:इंटरनेट पर सेक्सटॉर्शन करने के मामले बढ़ते चले जा रहे हैं. दूसरों की पिक्चर को गलत तरीके से चुरा कर, उसमें बदलाव करउन्हें ब्लैकमेल करने और इस तरह का और कॉन्टेंट या पैसे मांगने को सेक्सटॉर्शन कहा जाता है. ''सेक्सटॉर्शन'' वास्तविक शब्द नहीं है, मगर इस तरह के अपराध के लिए इसी स्लैंग को इस्तेमाल किया जाने लगा है.
यानी सेक्सटॉर्शन का मतलब हुआ- किसी के कंप्यूटर में सेंध लगाकर उसकी निजी पिक्चर या विडियो चुराना या फिर वेबकैम से ऐसा करना. फिर इस कॉन्टेंट के जरिए शिकार को ब्लैकमेल करना, उससे फिरौती मांगना इत्यादि. इसके लिए ठग सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल करते हैं.
दुनिया के 10 देशों में से भारत एक:सेक्सटॉर्शन की जद में स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले युवा, बिजनेसमैन, Politically Renowned लोग आते हैं. मैशेबल डॉट काम नाम की साइट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में ''सेक्सटॉर्शन'' की घटनाएं द्रुत गति से आगे बढ़ी हैं. सेक्सटॉर्शन ई-मेल सोर्स कंट्रीज मे भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है. इसमें वियतनाम, ब्राजील और अर्जेंटीना टॉप 3 में हैं. इसमें भी हनी ट्रैप की तरह लोगों को अपना शिकार बनाया जाता है. सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए दोस्ती की जाती है. फिर धीरे-धीरे पर्सनल बातें भी होने लगती हैं. फिर इसके बल पर कुछ तस्वीरें हासिल कर ली जाती हैं जिनका बाद में इस्तेमाल पैसों की उगाही में होता है.