जयपुर. राजधानी के स्मृति वन में पैंथर शावक को (panther cub in Smriti Van) उसकी मां मिल गई है. वन विभाग की टीम स्मृति वन से घायल अवस्था में 4 माह के पैंथर शावक को रेस्क्यू कर जयपुर चिड़ियाघर लेकर आई थी. पैंथर शावक को 24 घंटे जयपुर जू में रखा गया और उसका इलाज किया गया. पैंथर शावक को जंगल से उठाकर चिड़ियाघर में लाने पर वन्यजीव प्रेमियों ने विरोध जताया था.
वन्यजीव प्रेमियों का कहना था कि शावक को उसकी मां से अलग रखना गलत है. उसे वापस जंगल में छोड़ना चाहिए ताकि वह अपनी मां के साथ रह सके. उसे जंगल में छोड़ कर शावक की मां के आने का इंतजार करना चाहिए. इसके बाद वन विभाग की टीम ने पैंथर के शावक को वापस स्मृति वन में छोड़ दिया.
शावक को वापस स्मृति वन के जंगल में छोड़ कर कैमरा ट्रैप से निगरानी रखी गई. गुरुवार शाम को मादा लेपर्ड शावक के पास पहुंच गई, जिसकी तस्वीरें कैमरा ट्रैप में कैद हो गई. कुछ देर बाद ही मादा पैंथर और शावक जंगल में ओझल हो गए. करीब 48 घंटे बाद बिछड़े शावक को उसकी मां मिल गई.
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मंगलवार शाम को जयपुर के स्मृति वन में घायल अवस्था में पैंथर का शावक मिला था. स्मृति वन में भ्रमण करने गए पर्यटक ने वन विभाग की टीम को सूचना दी थी. पर्यटक की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. पैंथर के शावक को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करके जयपुर चिड़ियाघर पहुंचाया. बताया गया कि शावक भूखा-प्यासा और बीमार अवस्था में मिला था. जयपुर चिड़ियाघर में वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में शावक का इलाज किया गया.