जयपुर. आदिवासी हिंदू है या नहीं इस पर राजस्थान में एक बड़ा विवाद (Rajasthan Tribal Religion Controversy) पिछले दिनों हुआ था. इसी बीच इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे और वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने कहा है कि आदिवासियों की परंपरा यह रीति-रिवाज हिंदू धर्म से नहीं मिलती लेकिन सनातन धर्म के बड़े अंब्रेला में हम शामिल है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेताम ने कहा आज आदिवासियों को अपनी पहचान बचाए रखना बड़ी चुनौती हो गया है.
जयपुर के बिरला सभागार में हुए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद सम्मेलन के समापन सत्र में शामिल होने आए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नैताम (Arvind Netam reaction on tribal religion) यह भी कहा की जिस तरह सनातन धर्म में सिख, जैन और बौद्ध धर्म समाता है उसी तरह सनातन रूपी अम्ब्रेला की छांव आदिवासियों पर भी है. नैताम ने कहा सनातन धर्म के बड़े अमरेला में तो हम हैं लेकिन हिंदू धर्म से हमारे कोई रीति-रिवाजों परंपरा नहीं मिलती इस दौरान उन्होंने कुछ उदाहरण भी दिया और कहा हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद जलाने का रिवाज है लेकिन आदिवासी मृत्यु के बाद दफनाते हैं. उन्होंने कहा आदिवासियों की हर पूजा में बलि और शराब जरूरी है. इसी तरह कई और परंपराएं और रीति रिवाज है जो हिंदू धर्म में नहीं है नेताम ने यह भी कहा किस देश में आदिवासी अपनी पहचान बचा सके क्योंकि यदि पहचान खत्म हो जाएगी तो आदिवासी भी खत्म हो जाएगा.
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एकजुटता और ताकत दिखाना बहुत जरूरी