जयपुर. कोरोना काल की वजह से रोकी गई वरिष्ठ नागरिक चार धाम तीर्थ यात्रा सितंबर से फिर शुरू होने जा रही है. देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने अधिकारियों को आगामी सितंबर माह से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना प्रारंभ करने के साथ जून महीने से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ (Senior citizen Char dham Yatra application process starting from June) करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ये भी सुनिश्चित किया जाए कि तीर्थ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
पशुपतिनाथ की यात्रा करवाई जाएगी:शकुंतला रावत सोमवार को देवस्थान विभाग की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के अन्तर्गत विभिन्न तीर्थ स्थानों की यात्रा के लिए यात्रियों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सम्बंधित अधिकारियों की बैठक की. उन्होंने कहा योजनान्तर्गत रेल यात्रा के जरिए देश के 12 धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी. इसके साथ ही हवाईजहाज से पशुपतिनाथ-काठमांडू (नेपाल) की भी यात्रा करवाई जाएगी.
सितंबर से शुरू होगी "वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा" 20 हजार यात्री जाएंगे तीर्थ यात्रा पर:रावत ने कहा कि तीर्थ यात्रा में पहली बार 20 हजार यात्रियों को देशभर (Char dham Yatra scheme to resume from september in Rajasthan) के तीर्थ स्थलों तक ले जाया जाएगा. इनमें से 18 हजार यात्रियों को ट्रेन और 2 हजार यात्रियों को वायुयान के जरिए तीर्थ स्थल घुमाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों की आयु 1 अप्रैल, 2022 तक 60 वर्ष पूरी हो गई है या 1 अप्रैल 1962 से पहले जिनका जन्म हुआ है, वे व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा पाएंगे. उन्होंने कहा कि यात्रा पर जाने वाले व्यक्तियों के लिए जन आधार कार्ड होना अनिवार्य है.
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बजट में किया 30 करोड़ का प्रावधान:देवस्थान मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में इस योजना के लिए 13 करोड़ से बजट बढ़ाकर 30 करोड़ किया था. वहीं यात्रियों की संख्या को भी 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने बताया कि 75 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों के लिए यात्रा के दौरान एक सहायक को भी ले जाने की अनुमति होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी धर्मों को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है. बैठक में प्रमुख शासन सचिव देवस्थान आनंद कुमार, देवस्थान आयुक्त करण सिंह, शासन सचिव गृह चंचल मिश्रा, निदेशक अल्पसंख्यक मामलात जमील अहमद कुरेशी, निदेशक जनस्वास्थ्य वीके माथुर आदि थे.