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Exclusive: जयपुर में जल्द ही कचरे का होगा सेग्रीगेशन और रीसाइक्लिंग, C&D वेस्ट प्लांट भी होगा शुरू - Plant of C and D Waste

राजधानी जयपुर में कचरा ट्रांसफर स्टेशन और प्लांट पर कचरे का पहाड़ बनता जा रहा है. इस कचरे के सेग्रीगेशन और रीसाइक्लिंग के लिए अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सहयोग से जयपुर के दोनों नगर निगम नए प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं.

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कचरे का होगा सेग्रीगेशन और रीसाइक्लिंग

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Published : Jun 27, 2021, 4:30 AM IST

Updated : Jun 27, 2021, 6:30 AM IST

जयपुर. राजधानी में हर दिन 1500 टन कचरा जनरेट हो रहा है, लेकिन इस कचरे को सेग्रीगेट कर रिसाइकिल करने के नाम पर महज 300 टन का एक प्लांट है. हालांकि, अब स्मार्ट सिटी के सहयोग से जयपुर के दोनों नगर निगम वेस्ट टू एनर्जी और मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी का प्लांट तैयार करने जा रहा है. इसके साथ ही अगले 6 महीने में C&D वेस्ट का प्लांट भी तैयार हो जाएगा.

पढ़ें- जयपुर: साल 2021 के अंत तक सेक्टर रोड का काम पूरा करने का लक्ष्य

वर्तमान में राजधानी में कचरा ट्रांसफर स्टेशन और प्लांट पर कचरा का पहाड़ बनता जा रहा हैं, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ जमीन भी खराब हो रही है. आलम ये है कि राजधानी में करीब 12 क्यूबिक मीटर कचरा जमा है और हर दिन करीब 1500 टन कचरा जनरेट होकर यहां पहुंच रहा है. इस कचरे का न तो सेग्रीगेशन हो रहा न रीसाइक्लिंग. हालांकि अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सहयोग से जयपुर के दोनों नगर निगम नए प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं.

जयपुर में जल्द ही कचरे का होगा सेग्रीगेशन और रीसाइक्लिंग

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नया प्लांट

जयपुर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की बात करें तो शहर में करीब 1500 टन कचरा जनरेट हो रहा है. इसमें से 300 टन कचरा सीमेंट प्लांट में इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अब 700 टन वेस्ट टू एनर्जी का प्लांट तैयार किया जा रहा है. इसे लेकर जल्द लीज साइन कर ली जाएगी. इसके अलावा हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम मिलकर 350-350 टन मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी विकसित करेंगे. जहां वेस्ट का सेग्रीगेशन हो सके. इससे जयपुर का जो भी कचरा निकलता है, वो या तो एनर्जी में ट्रांसफॉर्मर हो जाएगा या वो रिसाइकल हो जाएगा.

6 महीने में शुरू होगा C&D वेस्ट प्लांट

बिल्डिंग मटेरियल को निस्तारित करने के लिए टेंडर किया जा चुका है. जगह भी निर्धारित कर दी गई है. शहर में 6 महीने में C&D वेस्ट प्लांट शुरू हो जाएगा. इसके बाद जिस भी घर या बिल्डिंग से कंस्ट्रक्शन वेस्ट निकलता है, उसे कलेक्ट किया जाएगा और उसे रिसाइकिल कर इस्तेमाल भी किया जाएगा. हालांकि, इसका शुल्क अभी निर्धारित नहीं किया गया है.

अब तक जयपुर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल साबित हुआ है, जबकि इंदौर, चेन्नई, सूरत जैसे शहरों ने उदाहरण पेश किया है. जब तक सॉलिड वेस्ट को सेग्रीगेट कर रिसाइकिल या एनर्जी में ट्रांसफार्म नहीं किया जाता, तब तक शहर में पर्यावरण संरक्षण की बातें भी बेईमानी ही सिद्ध होगी.

Last Updated : Jun 27, 2021, 6:30 AM IST

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