जयपुर. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने अभी से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. एक कमेटी का गठन भी किया गया है. यह कमेटी बच्चों के संक्रमित होने पर इलाज से जुड़ी व्यवस्थाएं देखेगी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में भी बच्चों में संक्रमण लगातार बढ़ रहा है.
बच्चों पर हावी कोरोना की दूसरी लहर दूसरी लहर भी बच्चों को ज्यादा संक्रमित कर रही
बच्चों का संक्रमण की जद में आना लगातार जारी है. बीते साल 10 महीने में जितने बच्चे संक्रमित हुए थे, करीब इतने बच्चे इस साल बीते 2 महीने में ही संक्रमित हो चुके हैं. यानी कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर भी बच्चों को ज्यादा संक्रमित कर रही है.
बीते साल यह रहा आंकड़ा
राजस्थान में बीते साल 2 मार्च को कोरोना संक्रमण का पहला केस मिला था. उसके बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई. बच्चों में भी संक्रमण के मामले देखने को मिले. खासकर 0 से 14 साल के बच्चे लगातार संक्रमण की चपेट में आ रहे थे.
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2 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक के आंकड़े
- 0-14 साल के कुल 15111 बच्चे संक्रमित हुए.
- 8672 बच्चे और 6439 बच्चियां संक्रमित हुईं
- 2.81% बच्चे, 2.09% बच्चियां संक्रमित हुईं
इस साल बढ़ा आंकड़ा
साल 2021 की बात की जाए तो संक्रमण के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बीते 2 महीने में संक्रमण तेजी से फैलने लगा है. इस साल कम उम्र के बच्चे भी तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. बीते साल के मुकाबले आंकड़ा बढ़ा है.
1 जनवरी 2021 से 16 मई 2021 तक के आंकड़े
- 0-14 वर्ष के 13119 बच्चे संक्रमित हुए
- 7397 बच्चे, 5722 बच्चियां संक्रमित हुईं
- 2.90% बच्चे, 2.24% बच्चियां संक्रमित हुईं
- जेके लोन अस्पताल में 109 मरीज आए सामने
राजधानी जयपुर के जेके लोन अस्पताल में अबतक 109 कोरोना संक्रमित बच्चे देखने को मिले हैं. अप्रैल और मई महीने में सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं. जेके लोन अस्पताल प्रशासन के मुताबिक मई महीने में 51 संक्रमित बच्चे और अप्रैल महीने में 55 बच्चे कोरोना संक्रमित हुए. सभी बच्चों को इलाज के लिए आरयूएचएस अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया है.
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कमेटी का गठन
राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. एक विशेष कमेटी का गठन भी किया गया है. इसमें डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. राम बाबू शर्मा, डॉ. लाखन पोसवाल, डॉ वीरेंद्र सिंह, डॉ नीलम डोगरा, डॉ. सतीश जैन को शामिल किया गया है.
क्या कहते हैं डॉक्टर?
जयपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश पाठक का कहना है कि निश्चित तौर पर आने वाला समय काफी मुश्किल है, क्योंकि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है.
बच्चों में कैसे सिम्टम्स नजर आ रहे?
फिलहाल जो बच्चे संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं उनमें या तो माइल्ड सिम्टम्स हैं या फिर बच्चे एसिंप्टोमेटिक नजर आ रहे हैं, जिनको घर पर ही इलाज देकर ठीक किया जा रहा है.
डॉक्टर की सलाह
चिकित्सकों ने पेरेंट्स को सलाह देते हुए कहा है कि अब विशेष तौर पर बच्चों का ख्याल रखने की जरूरत है लेकिन इस दौरान पैनिक नहीं होना है. क्योंकि यदि कोविड-19 संक्रमण से जुड़े जितने भी प्रोटोकॉल ठीक तरीके से फॉलो किए जाएं तो बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है.