अलवर.बाघ st13 की तलाश वन विभाग के लिए चुनौती बन चुकी है. 3 जिलों की टीम बाघ की तलाश में जुटी है. पहली बार बाघ की सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की गई है. उसके बाद भी बाघ का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. सरिस्का के जंगल को छोड़कर अब वन विभाग की टीमें राजगढ़, किशनगढ़बास, बहरोड़, तिजारा व जिले के अन्य क्षेत्र के जंगलों में बाघ की तलाश (forest department team searching ST 13) कर रही है. इसके अलावा बाघ एसटी-20 के साक्ष्य भी पिछले कई दिनों से नहीं मिल रहे हैं.
बाघ एसटी-13 (Tiger ST-13 Missing) को लेकर सरिस्का प्रशासन के पास लोगों की मोबाइल पर सूचना तो पहुंच रही है, लेकिन वनकर्मियों के तलाश करने पर वहां साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं. सबसे ज्यादा सूचना राजगढ़ वन क्षेत्र के आसपास के लोगों की मिल रही है. यहां से कई लोगों ने मोबाइल पर बाघ के साक्ष्य को लेकर सूचना दी, लेकिन वनकर्मी मौके पर पहुंचे तो वहां पैंथर के साक्ष्य व पगमार्क मिले. बाघ एसटी-13 पहले भी एक साल से ज्यादा समय तक राजगढ़ वन क्षेत्र में रह चुका है, इस कारण सरिस्का प्रशासन का फोकस भी राजगढ़ वन क्षेत्र पर ज्यादा है.
पढ़ें.Tiger ST-13 missing: सरिस्का में बाघों की दहाड़ पर लगने लगा 'ग्रहण'...2005 के बाद से 2 बाघ और एक बाघिन का हो चुका शिकार
इसके अलावा सरिस्का से बाहर निकलने वाले रास्तों पर भी बाघ की तलाश जारी है. वनकर्मियों की टीम राजगढ़ वन क्षेत्र, रामपुर एवं सरिस्का के आसपास के क्षेत्रों में बाघ की तलाश में जुटी रही, लेकिन बाघ के बारे में अभी पता नहीं चल सका. बाघ को लेकर सरिस्का के अंदर और आसपास के गांवों में बसे लोगों से भी पूछताछ की गई. मुखबिरों की भी सहायता ली जा रही है.
पढ़ें.Sariska Tiger Reserve: तीन जिलों के वन अधिकारी और 30 से ज्यादा टीमें कर रहीं बाघ ST-13 की तलाश
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ की तलाश में सरिस्का की भौगोलिक स्थिति आड़े आ रही है. सरिस्का में पहाड़, घने जंगल, गहरे नाले आदि होने के कारण बाघ की तलाश कर पाना मुश्किल हो रहा है. इस कारण सरिस्का प्रशासन ड्रोन आदि की सहायता भी नहीं ले पा रहा है. बाघ st 23 कई दिनों बाद वन विभाग को कैमरे टाइपिंग में नजर आया. अब बाघ st 20 भी कई दिनों से नजर नहीं आ रहा है. अलवर, दौसा जयपुर ग्रामीण आसपास जिलों की टीमें बाघ की तलाश में जुटी हुई है.