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SPECIAL : आपदा में देवदूत बनी ये बटालियन...5 साल में 7383 लोगों की जान बचा चुकी है SDRF

प्राकृतिक आपदा के दौरान हालातों पर नियंत्रण पाने के लिए और लोगों की जान बचाने के लिए राजस्थान में 7 साल पहले आपदा प्रबंधन बटालियन एसडीआरएफ का गठन किया गया था. 2012-13 के बजट में एसडीआरएफ बटालियन के गठन के बाद जवानों को 2 वर्ष की ट्रेनिंग दी गई. 2016 से एसडीआरएफ ने लोगों को बचाने का चुनौतीपूर्ण कार्य करना शुरू किया.

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एसडीआरएफ के रेस्क्यू ऑपरेशन

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Published : Mar 12, 2021, 9:32 PM IST

जयपुर. प्रदेश में एसडीआरएफ का गठन होने के बाद किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा होने पर प्रदेश के किसी भी हिस्से में तुरंत सहायता मिलने लगी है. एसडीआरएफ के जवानों को एनडीआरएफ के प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलवाया गया. चाहे बाढ़ के चलते स्थिति बिगड़े या भूकंप के चलते आपदा हो. हर तरह की आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ के जवान पूरी तरह से परिपक्व और सदैव तैयार हैं.

2016 से चुनौतीपूर्ण बचाव कार्य कर रही एसडीआरएफ

एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित बिश्वास ने बताया कि पूरे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग और वातावरण में बदलाव देखा जा रहा है. हाल ही में इसके लिए एक नया शब्द ग्लोबल वियर्डिंग भी काम में लिया जा रहा है. पृथ्वी के वातावरण में लगातार हो रहे बदलाव के चलते बाढ़, आगजनी, सुनामी, भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाएं काफी बढ़ रही हैं. ग्लोबल वियर्डिंग के चलते विश्व में ऐसे अनेक बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो आज तक कभी भी नहीं देखे गए.

आगामी 10 साल में और मजबूत होगी एसडीआरएफ

टेक्सस के रेगिस्तान में बर्फ गिर रही है, इजराइल के जेरूसलम में हिमपात हो रहा है, इसी प्रकार से राजस्थान के पाली और जैसलमेर में अतिवृष्टि के चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है जो इससे पहले आज तक कभी नहीं देखी गई. यह एक प्राकृतिक आपदा है जो मानव के जीवन को काफी प्रभावित कर रही है. इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए ही प्रदेश में वर्ष 2013 में एसडीआरएफ का गठन किया गया.

वर्ष 2016 से मनवा रहे एसडीआरएफ के जवान अपने कौशल का लोहा

एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित बिश्वास ने बताया कि वर्ष 2013 में एसडीआरएफ का गठन होने के बाद जवानों को 2 वर्ष तक कठोर ट्रेनिंग दिलवाई गई. वर्ष 2016 से एसडीआरएफ के जवानों ने प्रदेश में आने वाली हर प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हुए लोगों की जान बचाने का काम शुरू किया. वर्ष 2016 में प्रदेश में एसडीआरएफ के जवानों ने 28 रेस्क्यू ऑपरेशन किए. वर्ष 2017 में 56 रेस्क्यू, 2018 में 110, 2019 में 251 और 2020 में 421 रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए.

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यदि आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रतिवर्ष रेस्क्यू ऑपरेशन की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. एसडीआरएफ ने पिछले 5 साल में राजस्थान में तकरीबन 7400 लोगों की जान बचाई गई है. इसके साथ ही ऐसे स्थान जहां पर जाना भी बेहद मुश्किल होता है वहां से 465 शव रेस्क्यू किए हैं.

एसडीआरएफ के रेस्क्यू ऑपरेशन

आगामी 10 सालों में और भी ज्यादा मजबूत होगी एसडीआरएफ

एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित बिश्वास ने बताया कि आगामी 10 वर्षों में राजस्थान एसडीआरएफ की टीम और भी ज्यादा मजबूत होगी. एसडीआरएफ के जवानों को अत्याधुनिक संसाधन मुहैया करवा जा रहे हैं और इसके साथ ही उन्हें उन्नत किस्म की ट्रेनिंग भी दिलवाई जा रही है. प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्य करना बेहद कठिन और जोखिम पूर्ण कार्य है. जिसके लिए एसडीआरएफ के जवान पूरी तरह से दक्ष हैं और उनकी दक्षता में लगातार सुधार करने के लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं.

5 साल में 7383 लोगों की बचाई जान

वक्त के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में भी बदलाव हो रहा है और एनडीआरएफ के जवानों को भी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अत्याधुनिक संसाधन दिए जा रहे हैं. उन संसाधनों का किस प्रकार से प्रयोग करना है और उनकी सार संभाल व रखरखाव करनी है, इसके बारे में भी जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

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