जयपुर. प्रदेश में एसडीआरएफ का गठन होने के बाद किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा होने पर प्रदेश के किसी भी हिस्से में तुरंत सहायता मिलने लगी है. एसडीआरएफ के जवानों को एनडीआरएफ के प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलवाया गया. चाहे बाढ़ के चलते स्थिति बिगड़े या भूकंप के चलते आपदा हो. हर तरह की आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ के जवान पूरी तरह से परिपक्व और सदैव तैयार हैं.
एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित बिश्वास ने बताया कि पूरे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग और वातावरण में बदलाव देखा जा रहा है. हाल ही में इसके लिए एक नया शब्द ग्लोबल वियर्डिंग भी काम में लिया जा रहा है. पृथ्वी के वातावरण में लगातार हो रहे बदलाव के चलते बाढ़, आगजनी, सुनामी, भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाएं काफी बढ़ रही हैं. ग्लोबल वियर्डिंग के चलते विश्व में ऐसे अनेक बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो आज तक कभी भी नहीं देखे गए.
टेक्सस के रेगिस्तान में बर्फ गिर रही है, इजराइल के जेरूसलम में हिमपात हो रहा है, इसी प्रकार से राजस्थान के पाली और जैसलमेर में अतिवृष्टि के चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है जो इससे पहले आज तक कभी नहीं देखी गई. यह एक प्राकृतिक आपदा है जो मानव के जीवन को काफी प्रभावित कर रही है. इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए ही प्रदेश में वर्ष 2013 में एसडीआरएफ का गठन किया गया.
वर्ष 2016 से मनवा रहे एसडीआरएफ के जवान अपने कौशल का लोहा
एडीजी एसडीआरएफ सुष्मित बिश्वास ने बताया कि वर्ष 2013 में एसडीआरएफ का गठन होने के बाद जवानों को 2 वर्ष तक कठोर ट्रेनिंग दिलवाई गई. वर्ष 2016 से एसडीआरएफ के जवानों ने प्रदेश में आने वाली हर प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हुए लोगों की जान बचाने का काम शुरू किया. वर्ष 2016 में प्रदेश में एसडीआरएफ के जवानों ने 28 रेस्क्यू ऑपरेशन किए. वर्ष 2017 में 56 रेस्क्यू, 2018 में 110, 2019 में 251 और 2020 में 421 रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए.