जयपुर.हेरिटेज नगर निगम (Heritage Municipal Corporation Jaipur) के रूठे पार्षदों की शिकायत सुनने के लिए महापौर मुनेश गुर्जर उन्हें एक जाजम पर लेकर आई. लेकिन महापौर का ये पैंतरा उल्टा पड़ गया. हवामहल जोन कार्यालय में रखी गई मीटिंग में जोन क्षेत्र में आने वाले कई पार्षद और उनके परिजन पहुंचे. यहां एक सफाई कर्मचारी को हवामहल विधानसभा से आदर्श नगर विधानसभा में लगाने को लेकर पार्षद पिता और डीसी कार्मिक के बीच पहले पावर्स को लेकर कहासुनी हुई. इसके बाद नौबत हाथापाई तक बन आई. जिसमें वहां मौजूद पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा.
हवामहल आमेर जोन में आने वाले 30 वार्ड के पार्षदों की शिकायतों का समाधान करने के लिए महापौर मुनेश गुर्जर ने मंगलवार को मीटिंग (Mayor Munesh Gurjar held a meeting) रखी. इस मीटिंग में निगम के अधिकारी, कुछ पार्षद, कुछ पार्षदों के पति और पिता मौजूद रहे. जिन्होंने उनके क्षेत्र में सड़कों पर बहते सीवर के पानी, नालों की सफाई नहीं होने, सफाई कर्मचारियों की संख्या और डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर नहीं पहुंचने जैसी शिकायतें दर्ज कराई.
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इस दौरान वार्ड 26 के पार्षद सलमान मंसूरी के पिता गफूर मंसूरी ने हवामहल विधानसभा के सफाई कर्मचारी को हटाकर आदर्श नगर विधानसभा में लगाने को लेकर कार्मिक उपायुक्त पर सवाल खड़े किए. जवाब में डीसी कार्मिक ने अपनी पावर्स का हवाला दिया. इस पर विवाद गर्मा गया, नौबत अपशब्द और हाथापाई तक जा पहुंची. जिसमें पुलिस को बीच बचाव करना पड़ा. पार्षदों ने आरोप लगाया कि कार्मिक उपायुक्त के आदेश विधायकों की आपसी लड़ाई का कारण बन सकते हैं. इससे पहले वार्ड 12 की पार्षद मौजम बानो के पति अख्तर हुसैन और वार्ड 23 की पार्षद जाहिदा बानो के पति हाजी नवाब भी अपनी पत्नियों के स्थान पर यहां पहुंचे और तीखे तेवर के साथ वार्ड की समस्याएं गिनाते हुए अधिकारियों को निशाने पर लिया.
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चूंकि ये बैठक पार्षदों की शिकायतें दूर करने के लिए रखी गई थी. ऐसे में महापौर ने अधिकारियों को समस्याएं दूर करने के लिए ताकीद जरूर किया. लेकिन पार्षद और पार्षद परिजन मीटिंग से संतुष्ट नजर नहीं आए. इससे महापौर की चिंता और बढ़ गई है. इस तरह की बैठकों में जनप्रतिनिधियों की जगह उनके परिजनों की मौजूदगी और अधिकारियों के साथ किए गए बर्ताव को लेकर के भी सवाल उठ रहे हैं. चूंकि इससे पहले ग्रेटर नगर निगम में इसी तरह की एक मीटिंग और विवाद के बाद महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया गया था.