जयपुर.राज्य सरकार (Rajasthan Government) के निर्णय के अनुसार 1 सितंबर बुधवार से प्रदेश की स्कूलों में घंटी (school reopen in Rajasthan) बजेगी. सरकार ने बुधवार से कक्षा 9 से 12 तक की स्कूल खोलने का निर्णय किया था और इसके लिए एसओपी भी जारी कर दी गई है. 1 सितंबर से स्कूल खोलने के लिए स्कूलों ने भी पूरी तैयारियां कर ली है.
प्रदेश में राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार करीब 21 हजार नौंवी से 12वीं तक की स्कूले खोली जाएंगी. इनमें 5 हजार सरकारी और 16 हजार निजी स्कूल शामिल हैं. स्कूलों ने एसओपी के अनुसार स्कूल खोलने की पूरी तैयारी कर ली है. स्कूलों ने सीटिंग अरेंजमेंट और सैनिटाइज का काम भी पूरा कर लिया है. इन 21 हजार स्कूलों में 50 लाख विद्यार्थियों के पहुंचने की संभावना है. शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल खोलने को लेकर पूरी तरह से सतर्क है और वह बुधवार को स्कूलों का निरीक्षण भी करेंगे.
यह भी पढ़ें.CM का 'ट्वीट अटैक' : UP और MP में मारपीट की घटनाओं का दिया हवाला...कहा- राजस्थान में बर्दाश्त नहीं होगा
शिक्षा विभाग की ओर से निर्देशों के अनुसार कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को ही स्कूल बुलाया जाएगा. पहले शिफ्ट में सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 बजे और दूसरी पारी का समय 12:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक रहेगा.
स्कूल के खुलने पर डोटासरा का बयान स्कूलों को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने कहा कि विभाग की ओर से एसओपी जारी कर दी गई है. स्कूल खोलने के दौरान कोरोना का विशेष ध्यान रखा जाएगा. कोविड गाइड लाइन का पूरा पालन किया जाएगा. बच्चों को पानी घर से लेकर आना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाएगी और उन्हें मास्क पहनकर स्कूल आना होगा. लंच भी बच्चा अपनी सीट पर करेगा. वह किसी के भी साथ लंच शेयर नहीं करेगा. यदि कोई बच्चा मास्क लेकर नहीं आता है तो स्कूल की ओर से उसे मास्क उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही स्कूल में हाथ धोने की भी माकूल व्यवस्था होगी. स्कूलों को सैनिटाइज भी कराया जाएगा. कक्षा में बच्चों को क्षमता के अनुसार 50 फीसदी बैठाया जाएगा.
यह भी पढ़ें.पंचायात राज चुनाव 2021ः भाजपा प्रशिक्षण के नाम पर शुरू करेगी प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी...
डोटासरा ने कहा कि कोरोना को देखते हुए पाठ्यक्रम को भी 30 फीसदी कम किया गया है. बच्चों का मंथली टेस्ट भी होगा. जिससे जरूरत पड़ने पर बच्चों की बुद्धि का विश्लेषण किया जा सके. बच्चों की परीक्षा न होने की स्थिति में बच्चों को मार्क्स दे सके. उन्होंने कहा कि 9 से 12वीं तक की स्कूल खोलने के बाद छोटी स्कूलों को भी खोलने पर चर्चा की जाएगी. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द छोटी स्कूल खोलने के लिए भी केंद्र सरकार एसओपी करेगी. इसके लिए लगातार मुख्यमंत्री भी विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं.
स्कूलों में फॉलो की जाएगी कोविड गाइडलाइन उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभाग के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी स्कूलों में जाकर कोविड गाइडलाइन की पालना का निरीक्षण करेंगे. उन्होंने कहा कि बच्चा और उसका स्वास्थ्य भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, हम लोग बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखेंगे.
एसओपी के महत्वपूर्ण बिंदु
विद्यालय के परिसर फर्नीचर उपकरण स्टेशनरी शौचालय मूत्रालय, भंडार कक्ष, पानी की टंकियां, अन्य स्थान, किचन, प्रयोगशाला व अन्य सभी स्थानों को संक्रमण मुक्त करने के लिए सैनिटाइज किया जाएगा और हाथ धोने के लिए लिक्विड हैंड वॉश और सेनेटाइज की व्यवस्था की जाएगी. SOP के तहत विद्यार्थी लंच के समय अपने कक्ष में ही भोजन करेंगे. जिनके साथ कक्षा अध्यापक का भी कक्षा में लंच में रहना सुनिश्चित किया जाएगा. विद्यालय में मिड डे मील नहीं पकाया जाएगा. विद्यालय के वाहन और बाल वाहिनी का उपयोग करने से पहले उसे सैनिटाइज करना होगा. चालक इत्यादि को 14 दिन पूर्व वैक्सीन की कम से कम एक खुराक अनिवार्य रूप से लेनी होगी.
यह भी पढ़ें.बारिश और सूखे से खराब हुई फसलों का होगा सर्वे...किसान के नुकसान का आंकलन कर जल्द मुआवजे की कार्रवाई के निर्देश
साथ ही विद्यार्थियों को पीने का पानी घर से लाना होगा और इसके लिए शिक्षक उन्हें प्रेरित करेंगे. पानी की बोतल का भी अदला-बदली नहीं की जाएगी. विद्यालय के संपूर्ण स्टाफ और विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर आना होगा. नो मास्क नो एंट्री की सख्ती से पालना करनी होगी. कोरोना के लक्षणों और बचाव के बारे में भी अभिभावकों जानकारी दी जाएगी. जिससे अभिभावक लक्षण वाले विद्यार्थियों को विद्यालय नहीं भेजें. कक्षा में बच्चों के बैठने का एक प्लान तैयार किया जाए और उसे नोटिस बोर्ड पर चिपकाया जाए.
वहीं SOP के तहत विद्यालय में विद्यार्थी को उपस्थिति बाध्यकारी नहीं होगी. किसी कारण से यदि विद्यार्थी अनुपस्थित रहता है तो उसे किसी भी प्रकार से स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. कक्षा-कक्ष, विद्यालय के प्रवेश द्वार और उपयोग में आने वाले स्थानों को प्रतिदिन से हटा दिया जाएगा. विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कक्षा कक्ष में कुछ मिनट के लिए योगिक क्रियाएं भी करवाई जाएगी.