जयपुर.सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के शैक्षणिक सत्र 2020-21 की निजी स्कूल फीस वसूली मामले में अदालत की ओर से 15 फीसदी की छूट देते हुए तय की 85 फीसदी फीस नहीं चुकाने वाले अभिभावकों पर स्कूल संचालकों को कार्रवाई करने की छूट दी है. अदालत ने यह भी कहा है कि फीस देने में असमर्थ अभिभावकों के बारे में स्कूल संचालक सहानुभूतिपूर्वक विचार करें.
अदालत ने कहा है कि यदि स्कूल तय फीस से अधिक वसूल करें तो उनके खिलाफ अभिभावक उचित मंच के समक्ष शिकायत दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन व अन्य की एसएलपी का निस्तारण करते हुए दिया. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल फीस एक्ट 2016 की वैधानिकता के मुद्दे पर लंबित याचिका पर हाईकोर्ट को ही सुनवाई करने और पक्षकारों को वहीं पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.
सुनवाई के दौरान राज्य के एएजी मनीष सिंघवी ने अदालत से कहा कि अभिभावकों के हितों को भी संरक्षित किया जाए और स्टूडेंट्स को भी राहत दी जाए. वहीं एसोसिएशन के अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई 2021 को निजी स्कूल संचालकों से बच्चों को वार्षिक फीस में 15 फीसदी की छूट देने के लिए कहा था.