जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर के चलते अप्रैल महीने से स्कूल बंद थे. स्कूलों में बच्चे जब क्लास में पहुंचे तो उनके चेहरे पर खुशी नजर आयी. राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार एक दिन पहले ही सभी स्कूलों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन (sanitization) कराया गया था.
स्कूल पहुंचने पर बच्चों के हाथ सेनेटाइज कराए गए और थर्मल स्कैनर से उनका तापमान भी जांचा गया. फिलहाल बच्चों को 50 फीसदी क्षमता के साथ बुलाया जा रहा है. शिक्षा विभाग (education Department) ने स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) की पालना की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिये हैं. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Education Minister Govind Singh Dotasara) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर 9वीं से 12वीं तक के सिलेबस में 30 फ़ीसदी की कटौती की घोषणा की है.
राजस्थान में खुल गए स्कूल शिक्षा मंत्री ने बच्चों के मंथली टेस्ट लेने के निर्देश भी दिए हैं. ताकि भविष्य में क्लास न लगें तो मंथली टेस्ट के आधार पर बच्चों का आंकलन किया जा सके. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रोटेशन प्रक्रिया अपनाई जा रही है. लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे बच्चों में उत्साह नजर आया. सभी बच्चों ने कहा कि उन्हें स्कूल आकर बड़ा अच्छा लग रहा है. बहुत दिनों बाद स्कूल खुले हैं.
थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सेनेटाइज किया गया अधिकतर बच्चों ने कहा कि ऑनलाइन क्लास (online class) की बजाय ऑफलाइन क्लास (offline class) ज्यादा बेहतर है. घर में अकेले पढ़ाई करनी पड़ती थी और यहां अपने दोस्तों और साथियों के साथ पढ़ाई करके अच्छा लग रहा है. ऑफ लाइन क्लास में यदि कोई समस्या होती है तो तुरंत ही टीचर से पूछा जा सकता है. बच्चों ने कहा कि स्कूल में हम लोग कोविड गाइड लाइन की पूरी तरह से पालना कर रहे हैं.
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बच्चों ने कहा कि वे मास्क लगाकर स्कूल आए हैं और हाथों को स्कूल में सेनेटाइज किया है. वे किसी के साथ भी लंच बॉक्स और पानी की बोतल भी शेयर नहीं करेंगे. शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार स्कूल खोलने से पहले अभिभावक और टीचर की मीटिंग भी आयोजित की गई थी.
सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल एमके गुप्ता और दामोदर लाल ने बताया कि उनकी स्कूल में कोविड गाइड लाइन की पूरी तरह से पालना की गई है. अंदर आने से पहले उनके हाथ सेनेटाइज कराए गए हैं. थर्मल स्कैनर से उनके तापमान की भी जांच की गई है. बच्चों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी के भी साथ अपना लंच बॉक्स और पानी की बोतल व अन्य कोई सामग्री शेयर न करें. साथ ही बच्चों को क्लास में योग क्रियाएं भी कराई गई हैं.
50 फीसदी छात्रों को ही बुलाया एसओपी के अनुसार स्कूलों के लिए निर्देश
स्कूल में विद्यार्थी अपना पेन, कॉपी, पेंसिल, लंच बॉक्स और पानी की बोतल अपने साथियों के साथ शेयर नहीं करेंगे. बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करेंगे और मास्क लगाकर ही स्कूल में आएंगे. कोई बच्चा मास्क लगाकर नहीं आता है तो स्कूल प्रबंधन उसे मास्क उपलब्ध कराएगा. विद्यालय में मिड डे मील नहीं बनाया जाएगा. विद्यार्थियों को पीने का पानी घर से लाना होगा और इसके लिए शिक्षक उन्हें प्रेरित करेंगे. नो मास्क नो एंट्री (no mask no entry) की सख्ती से पालना करनी होगी. विद्यालय में विद्यार्थी को उपस्थिति बाध्यकारी नहीं होगी. किसी कारण से यदि विद्यार्थी अनुपस्थित रहता है तो उसे स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा
इसके अलावा स्कूल में हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की भी व्यवस्था करनी जरूरी होगी. स्कूल में प्रार्थना सभा का भी आयोजन नहीं किया जाएगा और बच्चे अनावश्यक कहीं नहीं घूमेंगे. बीमार बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जायेगा और जो बच्चे स्कूल नहीं आएंगे उन्हें पहले की भांति पढ़ने के लिए ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा.