जयपुर. कोरोना काल में करीब 11 महीने बाद कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल सोमवार से खुल गए हैं. प्रदेश की सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक में करीब 40 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इन तीनों कक्षाओं के लिए सुबह 10:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक क्लासेज भी लगी. हालांकि, पहले दिन जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो कोरोना संक्रमण के खतरे का डर भी देखा गया. अधिकतर बच्चे मास्क पहनकर स्कूल पहुंचे.
स्कूल में दाखिल होने से पहले बच्चों का थर्मामीटर से तापमान नोट किया गया और पर्याप्त दूरी के साथ कक्षा में बैठाया गया. हालांकि, झालावाड़ में एक और झालरापाटन में 2 बच्चे कोरोना संक्रमित मिलने की सूचना है. भवानीमंडी में एक शिक्षक भी कोरोना संक्रमित मिलने की जानकारी है. फिलहाल आधे बच्चों को पहले दिन और बाकी आधे बच्चों को अगले दिन बुलाने की व्यवस्था की गई है. ताकि क्लास रूम में पर्याप्त दूरी के साथ बच्चों को बैठाया जा सके. पहले दिन जहां कम संख्या में बच्चे स्कूल पहुंचे. वहीं, जो बच्चे आए उनमें भी कोरोना संक्रमण के खतरे का डर देखा गया.
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शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि हमारी पहली प्राथमिकता थी कि बच्चों को संक्रमित नहीं होने दें और साथ ही उनकी पढ़ाई बाधित नहीं हो और एक साल खराब नहीं हो. इसके लिए सरकार ने घर बैठे पढ़ाई की भी व्यवस्था करवाई. अब आज से छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. लेकिन यह पूरी तरह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बच्चे और स्टाफ पूरी तरह कोविड गाइडलाइन की पालना करें.
अभिभावकों के लिए यह जानना जरूरी
- स्कूल में बच्चों का आना स्वैच्छिक है
- बच्चों को स्कूल बुलाने से पहले अभिभावकों की मंजूरी जरूरी
- बिना मास्क प्रवेश नहीं, हालांकि स्कूल में अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था
- सुबह 10:30 से दोपहर 3 बजे तक चलेंगी कक्षा 6,7 व 8 के बच्चों की कक्षाएं
- जुकाम, बुखार से पीड़ित बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की सलाह
- बच्चों को घर से ही पानी की बोतल और खाना लाना होगा
- स्कूल में प्रार्थना सभा या अन्य गतिविधियों पर रोक
- मिड डे मील भी नहीं बनेगा
- जो बच्चे स्कूल नहीं आ सकते उनके लिए ऑनलाइन क्लास पहले की तरह ही चलेंगी