जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विधायकों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात कर लिपिक ग्रेड-द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 में एससी-एसटी का बैकलॉग जोड़ने के लिए उनका आभार व्यक्त किया. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजपाल मीना ने भी बैकलॉग जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिपिक ग्रेड-द्वितीय भर्ती परीक्षा-2013 में शेष रहे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं सहरिया आदिम जनजाति के 1 हजार 588 बैकलॉग पदों को क्लर्क ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 के सफल अभ्यर्थियों की सूची से नियुक्ति प्रदान करने की मंजूरी दी थी.
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इसके बाद राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड ने इन अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी थी.इस अवसर बगरू विधायक गंगा देवी, जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा, बामनवास विधायक इन्द्रा मीणा, चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, निवाई विधायक प्रशान्त बैरवा उपस्थित थे.
शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदारों से किया जवाब तलब
शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जाना लगातार जारी है. नया मामला भीलवाड़ा जिले का है, जहां जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने शिक्षकों की ड्यूटी अवैध खनन की निगरानी में लगा दी. हालांकि शिक्षा मंत्री ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारी से जवाब तलब करते हुए आदेश निरस्त करा दिए.
शिक्षकों को कभी टिड्डी उड़ाने, कभी मृत्युभोज और शादी समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए तो कभी क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मनोरंजन के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से लगातार लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में अब आदेश अवैध खनन पर निगरानी के लिए निकाले गए हैं. दरअसल, भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने पुलिस की सहायता के लिए चेक पोस्ट पर शिक्षकों को तैनात करने का आदेश निकाला.
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जिनका काम ट्रैक्टर और ट्रक की गहनता से जांच करने और अवैध परिवहन होने की सूचना तत्काल तहसीलदार या कंट्रोल रूम में देने का होगा. इस आदेश के बाद शिक्षकों का रोष सातवें आसमान पर जा पहुंचा. इस बार शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर दो टूक सवाल किया कि आखिर जिला प्रशासनिक अधिकारी शिक्षकों से चाहते क्या हैं. साथ ही शिक्षक और शिक्षा विभाग की गरिमा को बचाने लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने की मांग की थी.