जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी ने केसेज की पेंडेंसी को चुनौती मानते हुए कहा है कि निचली कोर्ट को मामलों में डिस्पोजल की बजाय डिसीजन करना चाहिए. कोर्ट का सही डिसीजन होगा तो उसकी अपील भी कम होंगी. जस्टिस रस्तोगी ने यह विचार शनिवार को सांगानेर न्यायालय के रजत जयंती समारोह में वर्तमान न्याय व्यवस्था चुनौतियां व समाधान विषयक सेमिनार में रखे.
उन्होंने कहा कि 1982 में वे अधिवक्ता बने तब भी पेंडेंसी को लेकर चर्चा होती थी और करीब 40 साल बाद जब सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश हैं तब भी पेंडेंसी को लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन हमें केवल समस्याओं व चुनौतियों पर चर्चा करने के साथ ही समाधान पर भी बात करनी चाहिए. हमें पेंडेंसी खत्म करने के लिए डिस्पोजल की बजाय केसेज में डिसीजन करने होंगे. उन्होंने कहा कि आज हम रजत जयंती समारोह मना रहे हैं और कुछ साल बाद स्वर्ण जयंती भी मनाएंगे. लेकिन उस दिन हमारा रोडमैप क्या रहेगा. यह सोचना भी बेहद जरूरी है.