राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Sawan Shivratri 2021: आज ही है सावन की शिवरात्रि, जानिए किसे दान किया दूध तो मिलेगा लाभ!

यूं तो सावन मास का हर दिन शिव उपासकों के लिए खास होता है लेकिन इस मास की शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का विशेष महत्व होता है. वैवाहिक संबंधों में आए दुराव और सौभाग्य प्राप्ति के लिए सावन शिवरात्रि व्रत किया जाता है. पंचांग अनुसार बाबा औढरदानी की पूजा अर्चना का ये दिन आज यानी 06 अगस्त 2021 को ही है. कुछ तो कंफ्यूजन 6 अगस्त और 7 अगस्त को लेकर है. लेकिन ऐसा एक अहम कारण है जिससे इस पर्व को शुक्रवार 6 अगस्त 2021 को ही मनाया जाएगा. जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि,पारण का समय और दुग्ध दान से जुड़ा उपाया!

Sawan shivratri and milk donation
सावन की शिवरात्रि पर दुग्ध दान

By

Published : Aug 6, 2021, 6:42 AM IST

जयपुर। इस बार सावन शिवरात्रि का व्रत 06 अगस्त 2021, (Sawan Month) यानी शुक्रवार को है. पंचांग के अनुसार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के पर्व के तौर पर मनाया जाता है.

साल में 12 शिवरात्रि आती हैं. लेकिन इन 12 शिवरात्रि में से 2 शिवरात्रियों का अधिक महत्व माना गया है. फाल्गुन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि जिसे महाशिवरात्रि कहते हैं और दूसरी सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि जिसे सावन शिवरात्रि कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है.

भक्तों से पहले शिव मंदिर पहुंचा ब्लैक कोबरा, शिवलिंग से जा लिपटा, देखें VIDEO

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. मान्यता है कि चातुर्मास के अंर्तगत पड़ने वाले सावन के महीने में भगवान शिव के हाथों में पृथ्वी की बागडोर आ जाती है. सावन का महीना चातुर्मास का प्रथम मास है. इसलिए माना जाता है कि भगवान शिव माता पार्वती के साथ सावन के महीने में पृथ्वी लोक का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इसलिए इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा का विधान है.

दूध का दान करने से मिलता है शुभ फल:माना जाता है जो भी उपासक पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ भोले बाबा की आराधना करते हैं उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. विशेष फल पाने के लिए इस दिन किसी भी निर्धन व्यक्ति या कन्या को दूध दान करें. ऐसा करने से मानसिक तनाव दूर होगा साथ ही कुंडली का चंद्रमा शुभ फल देने लग जाएगा. इसके अलावा अगर किसी का वैवाहिक जीवन पटरी पर नहीं है तो विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने लिए भी एक खास उपाया सुझाया गया है. कहा जाता है कि इस दिन गुलाब के फूलों की माला से शिवलिंग के साथ मां गौरी का गठबंधन करने से जीवन में प्यार बना रहता है और बिगड़े रिश्ते सुधर जाते हैं.

ओम नमः शिवाय

सावन शिवरात्रि मुहूर्त (Shubh Muhurat) और 6 अगस्त को क्योंं मनाई जाएगी शिवरात्रि : पंचांग के अनुसार चतुर्दशी की तिथि का आरंभ 06 अगस्त 2021, शुक्रवार को शाम को 06 बजकर 28 मिनट से होगा और 07 अगस्त 2021 को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा. सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) या मासिक शिवरात्रि का व्रत 06 अगस्त को रखा जाएगा. इसके साथ ही शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करना उत्तम माना गया है. जो 6 अगस्त- 7 अगस्त की दरमियानी रात्रि में पड़ेगा. समय है- 12:06 मध्य रात्रि से 12:48 मध्य रात्रि.

सावन शिवरात्रि व्रत का पारण: पारण 07 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 47 मिनट तक किया जा सकता है. शिवरात्रि व्रत का पारण विधि पूर्वक करना चाहिए. व्रत का पारण करने के बाद दान आदि का कार्य करना अच्छा माना गया है.

मां पार्वती की पूजा से प्रसन्न होते हैं शिव

कैसे करें पूजा:इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद सफेद रंग के साफ वस्त्र पहनें. फिर पूजा स्थान पर शिव परिवार यानि भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें. मासिक शिवरात्रि की पूजा में शिव परिवार को पंचामृत से स्नान करने के अलावा इस दौरान पूजा में बिल्व पत्र, फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य को अवश्य शामिल करना चाहिए.

ध्यान रहे शिव पूजा से पहले हमेशा माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं.

घर को रखें स्वच्छ:पूजन से पहले घर के पूजा स्थान को भी साफ करना चाहिए. वहीं इस दिन भक्त को घर या मंदिर के शिवलिंग का घी, दूध, शहद, दही, जल आदि से रुद्राभिषेक करना चाहिए. सावन माह की इस शिवरात्रि के दिन शिवलिंग या शिव जी की प्रतिमा को बेलपत्र, श्रीफल, धतूरा आदि अर्पित करना चाहिए.

व्रत के दौरान उपासक को शिव साहित्य या शिव जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए. वहीं शाम के वक्त भगवान करने के बाद प्रसाद बांटना चाहिए और स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए. इसके बाद फलाहार करना चाहिए. व्रत के अगले दिन शिव जी की पूजा से पहले दान-पुण्य करना चाहिए और पूजा के बाद व्रत खोलना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details