जयपुर. भगवान शंकर की साधना का पावन महीना सावन इस बार 6 जुलाई से शुरू हो रहा है. हालांकि अनलॉक-1 में मंदिरों के पट बंद हैं, यदि द्वार खुल गए तो शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की आराधना के स्वर गूंजेंगे. इस बार सावन मास सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही विदा होगा.
वहीं, ज्योतिष परिषद और शोध संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि 6 जुलाई से शुरू हो रहे सावन मास की शुरुआत के पहले दिन सोमवार है और आखिरी दिन 3 अगस्त को भी सोमवार रहेगा. वहीं, सावन की शुरुआत उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, कोलव और गरकरण में होगी. वहीं, इस बार सावन में 5 सोमवार आएंगे. इनमें तीन सोमवार कृष्ण पक्ष और दो सोमवार शुक्ल पक्ष में होंगे.
इस दौरान यदि सावन मास में भगवान शिव की पूजा महामृत्युंजय मंत्र जाप और अभिषेक करने से सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध होते है. शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर भरपूर जल वर्ष्टि होती है और तेज ज्वर भी शांत हो जाता है. साथ ही लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. वहीं, गाय के दूध से अभिषेक करने पर निसंतान को संतान प्राप्त होती है. इंसान को बुद्धि की श्रेष्ठता के लिए शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करना चाहिए.