जयपुर. सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है. राजधानी जयपुर में कई शिव मंदिर हैं, जिनमें से एक है श्री राधेश्वर मंदिर. मंदिर में आने वाले भक्तों की मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की मुरादें जरूर पूरी होती हैं. सावन के महीने में श्री राधेश्वर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. दूरदराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं. राधेश्वर महादेव मंदिर पहाड़ों के बीच खोले के हनुमान मंदिर के शीर्ष पर उत्तर की तरफ मौजूद है.
द्वादश ज्योतिर्लिंग विराजमान:श्री राधेश्वर महादेव मंदिर में द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित किए गए हैं. श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, श्री विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग और श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं.
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि श्री खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में हनुमान जी के शीर्ष पर विराजे श्री राम जी महाराज के उत्तर की ओर द्वादश ज्योतिर्लिंग शिवालय की स्थापना श्री राधेश्वर महादेव मंदिर (Radheshwar Mahadev Mandir) के नाम से की गई थी. राधेश्वर महादेव मंदिर में देश के द्वादश ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंग की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. शिवालय में रोजाना पूजा अर्चना की जाती है. भगवान भोलेनाथ का प्रतिदिन जलाभिषेक किया जाता है.