जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने सीएम को पत्र लिखकर रीट परीक्षा की सीबीआई जांच कराने और शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.
अपने पत्र में पूनिया ने कहा कि रीट पेपर में लाखों परिक्षार्थी सम्मिलित हुए. इस परीक्षा का आयोजन दो पारियों में किया गया. सुरक्षा और पारदर्शिता की बात की गई, लेकिन पेपर लीक हुआ. समय से पहले रीट का पेपर बाहर आया, डमी परिक्षार्थियों के कारण से प्रदेश के लाखों युवाओं के सपनों के साथ धोखा हुआ. सरकार के प्रशासनिक सेवाओं के विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी पेपर लीक मामले में संलिप्त पाए गए, उन्हें निलंबित किया गया.
रीट परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग पूनिया ने कहा कि शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि परीक्षा का सफल आयोजन हुआ. जबकि प्रदेश के विभिन्न जिलों में पेपर लीक और धांधली की खबरें सामने आ रही हैं. इस परीक्षा में हुई गड़बड़ी की वजह से लाखों अभ्यर्थियों के सपनों पर पानी फिर गया. जो कई महीनों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.
योग्य और मेहनतकश को लगी निराशा हाथ
पूनिया ने लिखा कि रीट की परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी होती तो योग्य और मेहनतकश युवाओं का पारदर्शिता से चयन होता. सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया इसके बाद भी रीट का पेपर लीक हुआ. नेटबंदी और अव्यवस्थाओं के कारण परीक्षार्थियों को सेन्टर तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे कई अभ्यर्थी समय पर नहीं पहुंच पाए और परीक्षा से वंचित रह गए
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पूनिया ने पूछा कि सरकार परीक्षा से वंचित रहे अभ्यार्थियों के बारे में क्या कर रही है? रीट परीक्षा को सफल होना कैसे कहा जा सकता है. साथ ही छात्रों के सामने स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए कि प्रदेश सरकार आगे क्या कदम उठायेगी ? प्रदेश में संगठित नकल गिरोह सक्रिय है, जिस पर सरकार नकेल कसने में क्यों नाकाम रही, स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए.
पूनिया ने कहा कि रीट पेपर लीक मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं. पहली पारी का पेपर बत्तीलाल मीणा नामक व्यक्ति ने अपने मोबाईल नम्बर से नेटबंदी से पहले ही वाट्सएप पर आशीष के मोबाईल नंबर पर भेज दिया, फिर आशीष ने अपने रिश्तेदार अभ्यार्थियों को नकल करवाई. इसके बाद नेटबंद होने के कारण आशीष ने कांस्टेबल देवेन्द्र को गंगापुर सिटी में करौली फाटक के पास बुलाया. परीक्षा से पूर्व दिलखुश के पास भी पेपर व आंसर की आ गई. कड़ी सुरक्षा के बीच में गन्तव्य स्थान से पेपर कैसे लीक हुआ ?
बत्ती लाल से कांग्रेस का गठजोड़
बत्तीलाल मीणा के कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं से सम्पर्क होना, खुद को युवा कांग्रेस का कार्यकर्ता बताना, ये भी रीट परीक्षा पर कई सवाल पैदा करता है. सरकार ने पेपर लीक मामले में कुछ ही लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी अभी भी फरार है. शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ मुख्य सरगना के फोटो वायरल हो रहे हैं. साथ ही कांग्रेस मुख्यालय पर भी आना-जाना रहा है और पंचायत चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने की तस्वीरें भी सामने आयी हैं. इस कारण से कांग्रेस का बत्तीलाल से गठजोड दिख रहा है.
सीबीआई जांच हो, शिक्षा मंत्री बर्खास्त हों
पूनिया ने लिखा कि रीट परीक्षा पेपर लीक को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन हो रहा है. रीट की परीक्षा में धांधली के कारण टोंक में विवाहिता ने, झुन्झुनू व जोधपुर में 2 युवाओं ने आत्महत्या कर ली. आमजन में विश्वास दिलाने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होना आवश्यक है. प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियों पर विश्वास खत्म न हो, इसलिए क्यों न एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के लिए प्रदेश से बाहर की एजेंसी को जांच सौंपी जाए.
शिक्षा मंत्री जनता और युवा बेरोजगारों के प्रति विश्वास खो चुके हैं. रीट भर्ती परीक्षा 2021 की स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए पेपर लीक, धांधली से संबंधित मामलों की जांच सीबीआई को भेजी जाए. साथ ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को जांच होने तक स्वयं को इस्तीफा देना चाहिए, नहीं तो आप उन्हें अविलंब मंत्री पद से बर्खास्त करें.