जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot government third anniversary) के तीन साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में सीएम अशोक गहलोत की ओर से प्रदेश के लिए कई घोषणाएं की गई हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने (Satish Poonia taunted CM Gehlot) सीएम को लेकर तंज कसते हुए कहा कि सीएम अशोक गहलोत घोषणाजीवी हैं. पिछले 3 साल से सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं, जबकि धरातल पर कोई भी कार्य नहीं हुआ.
सतीश पूनिया ने कहा कि 2018 के कांग्रेस के जन घोषणापत्र में प्रदेश के सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ करने का वादा किया था. आज प्रदेश के 60 लाख किसान कर्जा माफ होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पिछली घोषणाएं और वादे पूरे करने के बजाय सिर्फ घोषणाएं करने में ही व्यस्त हैं और अपनी कुर्सी बचाने के जुगाड़ में लगे हैं. कांग्रेस सरकार की तीन साल में न कोई उपलब्धि, न अच्छा सुशासन दिया, न कोई विकास हुआ और न प्रदेश में समृद्धि आई, न निवेश आया, सरकार की झूठी प्रशंसा, झूठी प्रदर्शनी और राज्य में कोरानाकाल में कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार हुआ है.
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जबकि, केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल उपकरण सहित सभी सुविधाएं दी, राशन दिया, जिसका राज्य सरकार ने समय पर वितरण भी नहीं किया. न कोई ऑडिट, न कोई जांच हुई. पूनिया ने कहा कि राजधानी जयपुर में एलिवेटेड रोड अभी भी अधूरी है. कांग्रेस सरकार का जन घोषणा पत्र सिर्फ झूठ का पुलिंदा बनकर रह गया है. कोई भी योजना धरातल पर क्रियान्विति नहीं हुई.
किसानों को बिजली के बिल में 10 की हजार सब्सिडी दो वर्ष तक रोकी, ड्यू सब्सिडी का भुगतान आज तक नहीं किया. कांग्रेस शासन में लाखों पदों पर भर्ती की घोषणा की गई, केवल 10 हजार को नियुक्ति मिली है. लंबित भर्तियों को पूरा करने के लिए प्रदेश का युवा धरने पर बैठने को मजबूर है, लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के नुमाइंदे उनसे वार्ता करने को भी तैयार नहीं हैं.
केंद्र की आयुष्मान योजना राज्य सरकार ने लागू नहीं की, भामाशाह योजना को बंद किया. जरूरत के अनुसार प्रदेश में न तो चिकित्सा और पैरा-मेडिकल स्टॉफ है और अस्पतालों में आधारभूत सुविधाएं भी नहीं हैं. प्रदेश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्कूलों में बच्चों के अनुपात में अध्यापक भी नहीं हैं, और अंग्रेजी माध्यम के खोले गए स्कूलों में भी सुविधाएं नहीं हैं.