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शेरगढ़ कांग्रेस विधायक के थाने में धरना देने पर पूनिया ने कसा तंज, बोले-सीएम गहलोत कब धरने पर बैठेंगे?

शेरगढ़ से कांग्रेस विधायक मीना कंवर और उनके पति के रातानाडा थाने में धरने पर बैठने के मामले पर अब सियासी उबाल आ गया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बहाने सरकार पर तंज कसा है. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह भी पूछा है कि आखिर वह कब धरने पर बैठेंगे?

Satish Poonia
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Published : Oct 19, 2021, 1:39 PM IST

जयपुर. शेरगढ़ से कांग्रेस विधायक मीना कंवर और उनके पति के रातानाडा थाने में धरने पर बैठने के मामले पर अब सियासी उबाल आ गया है. धरने पर सत्तारूढ़ दल की विधायक और उनके पति बैठे हैं, जिस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने तंज कसते हुए सवाल खड़े किए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह भी पूछा है कि आखिर वह कब धरने पर बैठेंगे? क्योंकि प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब होने के कई उदाहरण सामने आते रहते हैं.

सीएम गहलोत कब धरने पर बैठेंगे?

दरअसल, रविवार रात को शेरगढ़ विधायक मीना कंवर के परिवार के कुछ लड़कों को पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में पकड़ लिया था. इन्हें छुड़वाने के लिए विधायक और उनके पति थाने में पहुंचे और वहां धरने पर बैठ गए. अब इस मामले को विपक्ष में बैठी भाजपा ने सियासी मुद्दा बनाकर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरना शुरू कर दिया.

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पूनिया ने मंगलवार को इस मामले में कहा कि शेरगढ़ विधायक और उनके पति धरने पर जिस मांग को लेकर बैठे, वो कितनी जायज और नाजायज है, यह अलग बात है, लेकिन किसी सत्ताधारी दल का विधायक यदि अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ जाए, तो प्रदेश सरकार और उसके शासन पर सवाल उठना लाजमी है. पूनिया ने कहा मेरा अशोक गहलोत से सवाल है कि वे कब धरने पर बैठेंगे, क्योंकि प्रदेश में इस तरीके से अपराध के कई मामले हैं, जिनका समाधान नहीं हुआ.

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पूनिया ने कहा कि यह घटना राजस्थान सरकार और कांग्रेस के कामकाज की एक बानगी है, क्योंकि कभी वरिष्ठ विधायक भरत सिंह मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं तो कभी हेमाराम धरने पर बैठ जाते हैं, तो कभी दीपेंद्र सिंह जैसे वरिष्ठ विधायक खनन माफियाओं से बंधी की बात कह जाते हैं. ये सब कुल मिलाकर प्रदेश की खराब गवर्नेस को दर्शाता है. हालांकि इस बारे में प्रदेश की जनता को पहले से ही आभास था, क्योंकि पूत के पांव पालने में दिखने लग गए थे. पूनिया ने कहा कि जनता को अभी प्रदेश सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और उनका सरकार से इकबाल भी खत्म हो चुका है. पूनिया बोले जब सत्तारूढ़ दल का विधायक और जनप्रतिनिधि इस तरह धरने पर बैठें, तो सरकार, कांग्रेस और उसके मुखिया को सोचना होगा.

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