जयपुर.धुंआ वहीं निकलता है जहां चिंगारी होती है और राजस्थान भाजपा नेताओं में तिवारी की घर वापसी को लेकर कुछ ना कुछ चिंगारी सुलग रही है. पिछले दिनों सतीश पूनिया ने अपने बयानों के जरिए इस बात के संकेत भी दिए थे.
घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की घर वापसी पर सियासत लेकिन फिर ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर भाजपा के गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि घनश्याम तिवारी सहित कुछ नेताओं की भाजपा में वापसी हो सकती है. भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने तो यह तक कह दिया कि तिवारी मुझसे, प्रदेश नेतृत्व से और केंद्रीय नेतृत्व से लगातार संपर्क में है.
आहूजा ने यह बयान देकर तिवारी की घर वापसी की अटकलों को बल दिया. लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी इससे साफ तौर पर इनकार नहीं करते. पूनिया से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में यह सब अननेचुरल नहीं है. लेकिन फिलहाल यह चर्चा मात्र है और इसमें परिपक्वता कम है. उन्होंने कहा कि इस तरह की परिस्थितियां अपवाद स्वरूप नहीं कही जा सकती.
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क्योंकि पार्टियों में अक्सर ये सब उत्पन्न होता है कि जो अलग होता है उनमें से कुछ वापस भी आते है. पूनिया के अनुसार राजनीति और समाज में काम करने वाले इन नेताओं की अलग अलग अहमियत और दर्जा है. लेकिन यह काम तो पार्टी का है. क्योंकि राजनीति में गुण अवगुण और परिस्थितियों को देखकर ही निर्णय लिया जाता है.
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बताया जा रहा है की प्रदेश भाजपा में संघ निष्ठा नेताओं का एक धड़ा चाहता है कि घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की वापसी हो जाए और इसी कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राज्य का विरोधी खेमा भी जुड़ा हुआ है. लेकिन तिवारी विरोधी खेमे से जुड़े कुछ नेता घनश्याम तिवारी के विवादित बयानों की फाइल तैयार करने में जुट गए हैं. जो तिवारी ने पूर्व में मोदी और शाह के खिलाफ दिए थे. मतलब साफ है इन चर्चाओं को पंख कब और किस तरह लगेंगे ये फिलहाल समय की गर्भ में है.