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गैर मुस्लिम शरणार्थियों की नागरिकता को लेकर जारी अधिसूचना को सतीश पूनिया ने बताया ऐतिहासिक फैसला

भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से जारी गई अधिसूचना से अब पड़ोसी देशों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी. इस फैसले के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जाताया है.

सतीश पूनिया, notification of citizenship of non-Muslim refugees
सतीश पूनिया

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Published : May 29, 2021, 10:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई धर्मावलंबियों की भारतीय नागरिकता को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है. नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 16 के अंतर्गत भारत की मोदी सरकार ने राजपत्र के जरिये यह अधिसूचना जारी की है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी, इसाई अब भारत के निवासी हो सकेंगे.

सतीश पूनिया ने केंद्र सरकार का जताया अभार

उन्होंने कहा कि इस बार नये संशोधन में मोदी सरकार ने पाली, जालोर, सिरोही, उदयपुर और बाड़मेर के निवासियों को भी यह सहूलियत दी है, इससे राजस्थान के ऐसे नागरिकों को बड़ा लाभ मिलेगा और वे अपनी मातृभूमि में इज्जत और सम्मान के साथ रह सकेंगे. इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून में संशोधन करते हुए जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर के नागरिकों को पहले से ही यह सुविधा दी जा चुकी है.

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दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मांगे हैं. केंद्र सरकार ने शुक्रवार (28 मई) को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध और गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया है.

गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम 1955 और 2009 में कानून के तहत बनाए गए नियमों के तहत इस आदेश के तत्काल क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना जारी की है, भले ही 2019 में सीएए (CAA) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया गया है.

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