जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार गिराने को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बीजेपी के केंद्रीय नेताओं पर फिर से सरकार गिराने का आरोप लगाया. इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अस्थिर होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अंतर्कलह से गुजर रही कांग्रेस बीजेपी पर तोहमत लगा रही है.
सीएम गहलोत के बयान पर पूनिया का पलटवार पूनिया ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि लगातार 2 वर्षों से सरकार शासन करने में विफल हो रही है. गहलोत के बयानों में विचलन दिख रहा है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम गहलोत बिना किसी प्रमाण के गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान का नाम ले रहे हैं, ये राजनीतिक मर्यादा में नहीं आता है.
'अपने सत्ता के हिलने से डरे हुए हैं'
मुख्यमंत्री गहलोत बार-बार अपने सत्ता के हिलने से डरे हुए हैं और इसी डर के कारण वे भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी का अपना सियासी झमेला है और कई बार निजी झगड़ों की वजह से परेशान होकर वे भाजपा पर आरोप लगाते हैं. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कई बार नोटबंदी को लेकर जिक्र किया क्योंकि नोटबंदी से कांग्रेस को चोट लगी है. कांग्रेस का काला धन नोटबंदी की वजह से सामने आ गया और सब बिखर गया. नोटबंदी से कांग्रेस की आर्थिक कमर टूट गई.
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'कांग्रेस अब दो दर्जे की पार्टी है'
पूनिया ने कहा कि हैदराबाद और बिहार के नतीजों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस अब दो दर्जे की पार्टी है. कांग्रेस की यही हालत अब राजस्थान में भी होने वाली है. उन्होंने कहा कि भाजपा संघर्ष और आंदोलन की पार्टी है, भाजपा ने अपने दम पर पार्टी कार्यालय का निर्माण किया है. 50 वर्षों तक कांग्रेस के नेताओं ने कार्यालय निर्माण के बजाय अपने घरों के निर्माण में लगे रहे और आज वे हमसे जवाब मांगते हैं.
2 साल का शासन, राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में काला अध्याय
सतीश पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत शासन चलाने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि 2 साल का जो शासन था, यह राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में काला अध्याय के रूप में रहेगा. भ्रष्टाचार, अराजकता, अकर्मण्यता, ध्वस्त कानून व्यवस्था, किसानों की कर्ज माफी की वादाखिलाफी और बेरोजगारों से रोजगार की वादाखिलाफी यह सब गहलोत सरकार के कामकाज के प्रमाण हैं. पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार को एक बार फिर सोचना चाहिए. गहलोत के इन सब कमियों के कारण मनोबल पूरी तरीके से टूट गया है.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को शिवगंज के नवनिर्मित कांग्रेस कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर प्रदेश में सरकार गिराने की साजिश का जिक्र किया. साथ ही गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर सरकार गिराने का आरोप लगाया.