जयपुर. यूपी और पंजाब सहित 5 राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है. राजस्थान में 2023 में चुनाव है लेकिन भाजपा से जुड़े अधिकतर नेताओं को सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनाव में जिम्मेदारियां दी गई है. राजस्थान से अब तक 200 से अधिक कार्यकर्ता और नेता इन चुनाव में लगाए गए लेकिन अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी मैदान में उतार दिया गया है. मतलब यूपी-पंजाब का चुनाव भाजपा के लिए अहम है. इसके नतीजे राजस्थान में बीजेपी के मिशन 2023 पर असर (Rajasthan Election 2023) डालेगा.
नतीजे डालेंगे राजस्थान की सियासत पर असर
पंजाब और उत्तर प्रदेश राजस्थान के सीमावर्ती राज्य है. इनकी कई जिलों की सीमा राजस्थान से लगी हुई (UP Punjab election effect on Rajasthan) है. मतलब यहां होने वाले विधानसभा चुनाव और सीमावर्ती जिलों की विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम यदि भाजपा के पक्ष में ना रहा तो इसका असर राजस्थान की राजनीति में भी देखने को मिल सकता है. संभवता यही कारण रहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने खुद पूनिया को इन क्षेत्रों में पहुंचकर चुनावी दृष्टि से राजस्थानियों की भागदौड़ संभालने के निर्देश दिए. राजस्थान से इन जिलों में तैनात भाजपा नेताओं की निगाहें भी दोनों ही राज्यों के सीमावर्ती जिले में आने वाली विधानसभा सीटों के परिणाम पर केंद्रित है. यदि यह परिणाम सकारात्मक है तो राजस्थान के इन नेता और कार्यकर्ताओं का सियासी कद बढ़ना तय है. यदि परिणाम नकारात्मक रहे तो इनका सियासी कद पार्टी और संगठन में भी घटेगा.
पंजाब और यूपी में भी पूनिया लेंगे बैठक के करेंगे प्रचार
30 जनवरी को सतीश पूनिया पंजाब में दौरे पर रहेंगे (Satish Poonia Punjab Visit). वहीं फरवरी महीने के शुरुआती सप्ताह में पूनिया का उत्तर प्रदेश से जुड़ा दौरा तय किया जा रहा है. पूनिया उन्हीं जिलों में संगठनात्मक रूप से यह दौरा करेंगे, जो राजस्थान की सीमा से लगते हुए जिले हैं. संभवता फरवरी के दौरान ही पूनिया का वापस पंजाब में भी दौरा बन सकता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इन दोनों ही राज्यों में प्रवासी राजस्थानियों को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे.