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CM बताएं, प्रदेश में मंदिर माफी की कितनी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया: पूनिया - Karauli priest massacre

करौली में पुजारी हत्याकांड मामले में सियासी बयानबाजी अभी भी जारी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मामले को लेकर सीएम गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम गहलोत से पूछा है कि गहलोत बताएं कि प्रदेश में मंदिर माफी की कितनी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया है.

Satish Poonia accuses CM Gehlot,  Karauli priest massacre latest news
सीएम गहलोत और सतीश पूनिया

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Published : Oct 13, 2020, 10:35 PM IST

जयपुर.करौली जिले में पुजारी हत्याकांड को लेकर अभी भी सियासी बयानबाजी जारी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि वो बताएं कि प्रदेश भर में मंदिर माफी की कितनी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है. साथ ही सरकार ये भी बताए कि कितने पुजारियों का नाम पंजिका रजिस्टर में अंकित किया गया है.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि वर्ष 2007 में सरकार की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया, जिसमें मन्दिर माफी की जमीनों के संरक्षण एवं पुजारियों के अधिकारों से संबंधित निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि 18 सितंहर 2018 में भाजपा सरकार ने मंदिर माफी से संबंधित प्रकरणों के बारे में मंत्री स्तरीय स्थायी समिति का गठन किया गया था. इसमें मन्दिर माफी की भूमि के समुचित उपयोग को लेकर जिला कलेक्टर, तहसील स्तरीय मन्दिर प्रबन्ध समिति के मन्दिर माफी की भूमियों से संबंधित रिपोर्ट राज्य स्तरीय समिति के समक्ष निस्तारण हेतु प्रस्तुत कर उनका उचित रूप से निस्तारण करने का प्रावधान किया गया था.

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पूनिया ने कहा कि 12 सितंबर 2018 को राजस्व विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार मंदिर की भूमि हेतु पृथक रूप से पंजिका बनाए जाने के आदेश पूर्व में दिए गए परिपत्र के अनुसार पुजारियों के नाम दर्ज करने एवं पंजिका को पारदर्शी बनाने हेतु आनलाइन कम्प्यूटराइज्ड रूप में एल.आर.सी. पर जमाबंदी से लिंक किए जाने की कार्रवाई किए जाने हेतु समस्त संभागीय आयुक्त एवं समस्त जिला कलेक्टर को निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें पुजारी को मन्दिर माफी भूमि का संरक्षक घोषित किया गया था.

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार बताएं कि परिपत्र में निर्देशों के अनुसार कितने मन्दिरों की भूमि के विकास के लिए संबंधित विभागों के नियमानुसार बिजली, पेयजल, ट्यूबवेल आदि के लिए कनेक्शन दिए गए. फसल खराब होने की स्थिति में कितनी सहायता एवं अनुदान दिया गया, कृषि विभाग की योजना अनुसार बीज, कृषि उपादान आदि पर कितना अनुदान दिया गया, मन्दिर के पुजारी या पटवारी के द्वारा तहसीलदार को मन्दिर की भूमि पर अतिक्रमण होने की दशा में शिकायत कराने पर सरकार के द्वारा किन-किन मन्दिर माफी कृषि भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया, इन मामलों में राज्य सरकार मौन क्यों है, प्रदेश की जनता को जवाब दें.

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