जयपुर.भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है और इस बुराई को खत्म करने का बीड़ा जयपुर की सरिता योगी ने उठाया है. करीब 20 साल से सरिता योगी सड़कों पर भीख मांग रहे बच्चों को शिक्षा की राह पर अग्रसर कर रही है. सरिता योगी ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ कार्य करने के साथ ही महिला सुरक्षा के प्रकल्पों में भी अपनी भूमिका निभाई है.
जयपुर में शिक्षा की अलख जगा रहीं सरिता योगी भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों का भविष्य संवारने के लिए उन्होंंने आमेर स्थित नाथ सेवा संस्थान के माध्यम से 56 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया और शिक्षा की राह पर अग्रसर किया. यही नहीं, सरिता योगी को जहां कोई बच्चा भीख मांगता हुआ दिखता है तो उसे शिक्षा की राह पर अग्रसर करती हैं. सरिता योगी 20 साल से महिलाओं सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रही है. साथ ही ऐसे गरीब और भिक्षा मांगने वाले बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ ही अच्छे कपड़े और खाने की व्यवस्था कर उनका भविष्य संवार रही हैं.
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नाथ सेवा संस्कृति संस्थान की सचिव सरिता योगी ने बताया कि उन्होंने आमेर कस्बे के 56 बच्चों को भिक्षावृत्ति छुड़वा कर शिक्षा की और अग्रसर करवाने का प्रयास किया गया. इस कार्य को करने के लिए बच्चों को शिक्षा से संबंधित सामग्री निःशुल्क उपलब्ध करवाई. उन्होंने बताया कि घुमंतू जाति के बच्चे, महिला और पुरुष भिक्षावृत्ति से ही अपना परिवार पालते हैं. ऐसे बच्चों की भिक्षावृत्ति छुड़ाकर उनका भविष्य उज्जवल कर रहे हैं. सबसे पहले बच्चों को पढ़ाई कराने के लिए अच्छा माहौल तैयार किया. सारी सुविधाओं की व्यवस्था करने के बाद अब उनका पढ़ाई का काम चल रहा है. अच्छी शिक्षा मिलने से अब बच्चों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.
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उन्होंने कहा कि जब एक सैनिक देश की सरहद पर तैनात होकर देश की रक्षा कर रहा है तो हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि समाज की बुराइयों को दूर करें. हम सभी को देश के नागरिक होने का दायित्व निभा कर ऐसे गरीब लोगों का सहारा बनने की जरूरत है. ऐसे बच्चे पढ़ लिखकर आने वाले समय में देश का सुनहरा भविष्य बनेंगे. अपने जीवन के 20 साल लोगों की सेवा में बितानी वाली सविता योगी सेवा भाव से महिलाओं की सुरक्षा और भिक्षावृत्ति सहित शिक्षा प्राप्त नहीं करने वाले बच्चों के लिए कार्य कर रही है.
इस तरह सरिता योगी भिक्षावृत्ति के खिलाफ ढाल बनकर खड़ी है. आज हमारे समाज को सरिता योगी जैसी ही महिलाओं की जरूरत है. तभी भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक बुराई खत्म होगी.