राजस्थान

rajasthan

JLF 2020- देश का वर्तमान माहौल सिर्फ पॉलिटिकल खेल : ओम स्वामी

By

Published : Jan 25, 2020, 5:59 PM IST

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन 'रेंडम एक्ट्स ऑफ कईंडनेस' सेशन के अंतर्गत संत और लेखक ओम स्वामी ने देश के वर्तमान माहौल पर बात की. उन्होंने कहा कि देश का वर्तमान माहौल सिर्फ पॉलिटिकल खेल है. आम लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है. यह खेल आजादी के बाद का है, क्योंकि यह वोट की राजनीति है. इससे वोट मिल जाता है.

Om Swamy in JLF, जयपुर न्यूज
जेएलएफ में ओम स्वामी ने देश के वर्तमान माहौल को बताया पॉलिटिकल खेल

जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन सेशन 'रेंडम एक्ट्स ऑफ कईंडनेस' में ओम स्वामी ने कहा कि जीवन का आनंद हमको लेना चाहिए, यह हमारी अज्ञानता है. अगर हम इस बात के लिए सजग हो जाएंगे कि जो भी भौतिक संसधान हैं, वे क्षणिक और अस्थायी हैं, तो यही हमारे लिए वास्तव में चेतना है. उन्होंने कहा कि आपके जीवन में परेशानी और परेशानी खड़ी करने वाले लोग हमेशा रहेंगे.

जेएलएफ में ओम स्वामी ने देश के वर्तमान माहौल को बताया पॉलिटिकल खेल

परिस्थितियों और जीवन में होने वाली घटनाएं अपने नियंत्रण में नहीं हैं, लेकिन उसका अपने ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा है, यह अपने नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि आज के समय में धर्म में भी वही विनम्रता होनी चाहिए, जो विज्ञान में है. धार्मिक नहीं होते हुए भी विनम्र और दयालु लोगों की दुनिया अधिक बेहतर है.

इस दौरान देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के माहौल पर भी चर्चा छिड़ी. संत और लेखक ओम स्वामी ने कहा कि देश का वर्तमान माहौल सिर्फ पॉलिटिकल खेल है. आम लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है. यह खेल आजादी के बाद का है, क्योंकि यह वोट की राजनीति है. इससे वोट मिल जाता है.

पढ़ें- मैं किसी अधिकारी को अपना पहचान पत्र नहीं दूंगी, मेरी पहचान चाहिए तो यरवडा जेल जाएं : मार्गरेट अल्वा

देश के इतिहास को देखेंगे तो 1500 साल पहले धर्म को लेकर कोई भी दंगे फसाद नहीं हुआ करते थे. ओम स्वामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश में कपड़ों से पहचान की बात हो रही है, लेकिन यह बात सही नहीं है. काले कपड़े अपने में सब रंगों को समेट लेते है. ऐसे में इस रंग से किसी की पहचान नहीं की जा सकती है.

वहीं सेशन के दौरान से सीएए को लेकर ओम स्वामी ने कहा कि देश में शिक्षा, रोजगार जैसे जरूरी मुद्दे हैं. इन वास्तविक मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की जरुरत है, जो चीजें लोगों को जोड़ती हैं, दयालु बनाती हैं, ऐसे मुद्दों पर बात होनी चाहिए.

सीएए पर देश में हो रहे विरोध दर्शन को लेकर स्वामी ने कहा कि लोगों को अपनी राय तभी प्रकट करनी चाहिए, जब उसे पढ़ लें और समझ लें. मीडिया में कभी किसी बारे में आधी अधूरी जानकारी लेकर अच्छी बुरी राय बनाना सही नहीं है. हालांकि स्वामी ने सीएए पर अपनी राय पर कहा कि मैंने इसे पढ़ा नहीं, फिर अपनी राय कैसे दूं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details