जयपुर.अगर आप सामाजिक सरोकार समझ कर कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सूचना सोशल मीडिया पर दे रहे हैं तो थोड़ा सावधान रहिए, क्योंकि इन बच्चों की सूचना सोशल मीडिया पर देना गैर कानूनी है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की देखरेख और पुनर्वास विषय को लेकर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोगों के साथ अहम वर्चुअल बैठक में यह बात सामने आई है. वर्चुअल बैठक में राजस्थान से बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी भाग लिया. बैठक में सोशल मीडिया पर बच्चों के गोद लेने संबंधी वायरल हो रहे मैसेज को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई.
यह भी पढ़ें-Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 7,680 नए मामले, 127 मरीजों की मौत, 16,705 रिकवर हुए
बैठक में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कोविड-19 कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098, स्थानीय पुलिस, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई अथवा बाल आयोग को उपलब्ध करवाने के लिए आमजन से अपील की है. बेनीवाल ने बताया कि कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चे भी देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में आते हैं. राज्य सरकार द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत ऐसे बच्चों की गोपनियता को संरक्षित रखते हुए उचित देखभाल एवं संरक्षणात्मक माहौल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.