राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

गहलोत सरकार ने अन्य सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति में अल्पसंख्यक समाज को किया दरकिनार: सादिक खान - jaipur news

राजस्थान में अन्य सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति दिए जाने के मामले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी राजस्थान में अल्पसंख्यक अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति दिए जाने के मामले में अनदेखी की गई है.

rajasthan news,  jaipur news
गहलोत सरकार ने अन्य सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति में अल्पसंख्यक समाज को किया दरकिनार: सादिक खान

By

Published : Jul 9, 2021, 4:09 PM IST

जयपुर.राजस्थान में अन्य सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति दिए जाने के मामले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी राजस्थान में अल्पसंख्यक अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति दिए जाने के मामले में अनदेखी की गई है.

पढ़ें: गहलोत सरकार की विफलता का पैमाना राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था है: पूनिया

मोहम्मद सादिक खान ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान में गैर कांग्रेसी सरकारों में ऐसा कभी नहीं हुआ. खान ने बाकायदा उन अधिकारियों के नाम भी जारी किए जो गैर कांग्रेसी सरकार के कार्यकाल में अन्य सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत किए गए थे. उन्होंने बताया कि साल 1978-79 में तत्कालिक भैरों सिंह शेखावत सरकार में जेएम खान को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति दी गई थी. वहीं साल 2006-07 में तत्कालिक वसुंधरा राजे सरकार में एआर खान की पदोन्नति की गई थी.

सादिक खान का गहलोत सरकार पर हमला

इसी तरह साल 2016-17 में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार कार्यकाल में वरिष्ठ अधिकारी जाकिर हुसैन को अन्य सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति दी गई थी. अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सादिक खान ने कहा कि मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यक अधिकारियों की अनदेखी हुई. जबकि इससे पहले प्रदेश में दो बार अशोक गहलोत सरकार रह चुकी है. तब भी प्रदेश के अल्पसंख्यक अधिकारियों की भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति से जुड़े मामले में अनदेखी की गई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details