जयपुर. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शुक्रवार को चाकसू के कोटखावदा में किसान महापंचायत को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नए कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. पायलट ने कहा कि अन्न पैदा करने वाले किसान की कोई जाति नहीं होती, किसान सबका है. हम जाति से ऊपर उठकर संघर्ष करेंगे, जाति के नाम पर किसानों को बांटने की साजिश चल रही है. दिल्ली में बैरिकेड लगा दिए, कीलें लगा दीं, हम भी मानने वाले नहीं हैं, केंद्र को तीनों कानून वापस लेने ही पड़ेंगे.
चाकसू किसान महापंचायत में पायलट का संबोधन, पार्ट-1 महापंचायत में पायलट के मंच पर कुर्सी की बजाए मुड्डे रखे गए थे. मंच पर 15 पायलट समर्थक विधायक भी मौजूद रहे, जिनमें बयाना विधायक अमरसिंह जाटव, डींग कुम्हेर विधायक विश्वेन्द्र सिंह, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी, बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा, विराटनगर विधायक इन्द्रराज सिंह गुर्जर, दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा, सपोटरा विधायक रमेश मीणा, टोडाभीम विधायक पृथ्वीराज मीणा, देवली उनियारा हरीश मीणा, खेतड़ी विधायक वीरेंद्र सिंह, गुड़ामालानी विधायक हेमराम चौधरी, लाडनू विधायक मुकेश भाकर, झुंझुनू विधायक बृजेंद्र सिंह ओला, मसूदा विधायक राकेश पारीक, निवाई विधायक प्रशान्त बैरवा और पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, पूर्व प्रत्याशी विद्याधर चौधरी, NSUI राष्ट्रीय सचिव विक्रम मीना, पूर्व प्रदेश सचिव सुचित्रा आर्य और महिला महिला देहात जिलाध्यक्ष कविता गुर्जर भी मंच पर थीं. किसान महापंचायत की अध्यक्षता चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने की. वहीं, मुख्यातिथि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट रहे.
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इस दौरान किसान नेता शिवप्रताप हरसाना, चाकसू ब्लॉक अध्यक्ष गंगाराम मीना आदि कई पायलट समर्थक मौजूद थे. इस महापंचायत में 18 से 20 हजार के करीब भीड़ थी. महिला वर्ग की संख्या 7 हजार के करीब रही. वहीं सचिन पायलट ने अपने पिता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. राजेश पायलट की प्रतिमा का भी अनावरण कर उन्हें याद करते हुए नमन किया और कहा कि राजेश पायलट किसानों के मसीहा एवं सफल नेतृत्व के धनी थे. आज किसानों के दिल में उनकी यादें बसी हैं. सभास्थल पर जुलाई में पायलट का साथ छोड़ने वाले विधायक प्रशांत बैरवा भी महापंचायत के मंच पर पहुंचे. इस दौरान पायलट समर्थकों ने हूटिंग शुरू कर दी. हालांकि, बाद में उनको शांत करवाया गया और बैरवा को मंच पर जगह दी गई. प्रशांत बैरवा 7 महीने बाद पायलट के किसी कार्यक्रम में पहुंचे हैं. वे पहले सचिन पायलट के ही साथ थे, लेकिन जुलाई में बगावत के वक्त गहलोत खेमे में चले गए थे. बाड़ेबंदी में भी वे गहलोत के साथ थे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशांत बैरवा गहलोत खेमा छोड़कर वापस पायलट के साथ आ गए हैं.
चाकसू किसान महापंचायत में पायलट का संबोधन, पार्ट-2 कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह ने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए नाम लिए बिना गहलोत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहले हमारी 99 सीटें आईं, फिर 101 हो गईं, मेहनत कोई करे...विश्वेंद्र सिंह के इतना कहते ही पूरी महापंचायत में तालिया और पायलट के समर्थन में नारेबाजी होने लगी. लोगों ने जमकर नारेबाजी की, इस पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि आप मेरे से ज्यादा होशियार हो, मैं आपको क्या भाषण दूं. विश्वेंद्र सिंह मेहनत कोई करे...यह कहकर रुक गए, लेकिन इसमें सब कुछ कह गए. पायलट समर्थक भी समझ गए और जनता भी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आगाज करके गए हैं, पायलट की यह रैली नहीं रैला है. कुल मिलाकर आज की महापंचायत पायलट की किसान महापंचायत एक सियासी 'पावरगेम' था. सभास्थल पर पायलट व राहुल गांधी के भी बड़े-बड़े कटआउट लगे हुए थे. मंच पर भी जो पोस्टर लगा है, उसमें कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की तस्वीर नजर आई. हालांकि, राहुल गांधी और पायलट की फोटो बड़ी थी, जबकि गहलोत और डोटासरा की फोटो बीच में लगाई गई.