जयपुर. सरकार ने दो दिन पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा की तो एक बार फिर से वही चर्चा प्रदेश में शुरू हो गई कि उस कमेटी का क्या हुआ जो सचिन पायलट कैंप के नाराजगी दिखाने के बाद बनाई गई थी. इस मुद्दे पर राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का ताजा बयान सामने आया है.
कमेटी के फैसलों में देरी का कोई कारण नहीं... नियुक्तियों और कैबिनेट विस्तार को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियां सरकार समय-समय पर करती आई है. लेकिन मेरा मानना है कि सरकार के ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. हमने हमारे घोषणापत्र में जो वादे किए थे उनमें से वादे पूरे भी किये हैं, लेकिन जो वादे पूरे नहीं कर सके हैं और सरकार का जो बचा हुआ कार्यकाल है, उसमें और गति से हमें काम करना होगा. इन कामों में पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट और मंत्रिमंडल विस्तार भी शामिल है.
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इन दोनों कामों के लिए पार्टी और सरकार मिलकर आम राय बनाएं. पायलट ने कहा कि 9 महीने पहले जो कमेटी बनी थी दुर्भाग्यवश उसमें से अहमद पटेल का स्वर्गवास हो गया और कमेटी का काम आगे नहीं हो सका. लेकिन अब मुझे विश्वास है कि और ज्यादा विलंब कमेटी नहीं करेगी और जो मुद्दे हम लोगों ने उठाए थे और जिन पर आम सहमति बनी थी, उन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि यह कमेटी सोनिया गांधी के आदेशों पर बनी थी और सोनिया गांधी पर उन्हें पूरा भरोसा है कि जो कमेटी बनी थी, उसके 2 सदस्य अब यह काम पूरा करेंगे.
पायलट ने कहा कि अब क्योंकि उपचुनाव भी 2 दिन में समाप्त हो जाएंगे और पांच राज्यों के चुनाव भी समाप्त हो चुके हैं. ऐसे में अब मुझे नहीं लगता कि कोई कारण ऐसा रहना चाहिए कि इस कमेटी के निर्णय और आदेशों के क्रियान्वयन में कोई अधिक विलंब हो.