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कृषि कानूनों पर पायलट का बयान, कहा- कोरोना काल में किसान विरोधी कानून लाना दुर्भाग्यपूर्ण

कृषि कानूनों पर पायलट ने बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और किसान कोरोना की मार झेल रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के किसान विरोधी कानून लाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

Pilot statement on agricultural laws
कृषि कानूनों पर पायलट का बयान

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Published : Dec 4, 2020, 2:43 AM IST

जयपुर. कृषि कानूनों पर पायलट ने बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और किसान कोरोना की मार झेल रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के किसान विरोधी कानून लाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

किसान आंदोलन को लेकर आज राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी अपना बयान जारी किया है. अपने बयान में पायलट ने सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के देषव्यापी आन्दोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मुद्दा देश के किसानों का है. हिन्दुस्तान भर के किसान आज सड़कों पर आकर आन्दोलित इसलिए है कि संसद में बहुमत के आधार पर बिना किसी से चर्चा किये केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा किसान विरोधी तीन नये कृषि कानून बनाये गये है.

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उन्होंने कहा कि यदि कानून बनाते समय भाजपा सरकार राज्य सरकारों, किसानों संगठनों आदि से चर्चा करके ये कानून बनाती तो आज यह हालात उत्पन्न नहीं होते. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जहां देष की अर्थव्यवस्था चरमरा रही हैं, किसान कोरोना की मार झेल रहा हैं, ऐसे में सरकार द्वारा इस प्रकार के किसान विरोधी कानून लाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि नये तीन कानूनों से धीरे-धीरे व्यापार मण्डी के बाहर फैलेगा, थोडे समय में मण्डीयां समाप्त हो जायेगा और किसान धीरे-धीरे पूंजीपतियों को अपनी उपज बेचने पर मजबूर हो जायेगा.

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