सीतापुर/जयपुर. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों की ओर से प्रदर्शन जारी है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लखीमपुर दौरे के दौरान उनका साथ देने के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी पहुंचे हैं. हालांकि लखीमपुर से पहले ही मुरादाबाद में पुलिस ने सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद को हिरासत में ले लिया.
सचिन पायलट ने ट्वीट कर पुलिस के गिरफ्तार करने की जानकारी दी है. यह भी कहा कि पुलिस उन्हें कहां ले जा रही है यह भी नहीं बताया जा रहा है. पायलट ने कहा कि लखीमपुर में जो हो रहा है यह नकारात्मक उदाहरण पेश कर रहा है देश के सामने. पायलट ने कहा कि जिनके नाम एफआईआर में है वे खुले में घूम रहे हैं. जबकि जो लोग पीड़ितों के आंसु पोछना चाहते हैं उन्हें बंद कर दो, नजर बंद कर दो यह गलत बात है. यह अलोकतांत्रिक है.
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देश के सामने नकारात्मक उदाहरण पेश हो रहा है. पायलट ने कहा कि लखीमपुर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज करें, जिससे सच सामने आए और लोगों को न्याय मिल सके. सरकार कुछ छिपाना चाहती है. इसलिए लोगों पर पाबंदी लगा रखी है. लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा है अब जाकर परमीशन दी है.
शांति पूर्वक जा रहे तो सरकार को क्या परेशानी
सचिन पायलट ने कहा कि सुबह से यही चल रहा है. समझ में नहीं आ रहा कि हम शांति पूर्वक किसी की मौत के बाद उसके परिवार वालों से मिलने जा रहे हैं, तो सरकार को क्या परेशानी हो रही है. हमारी समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए.
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वहीं इससे पहले जनपद अमरोहा में पहुंचे सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्णन का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे-9 पर फूलमाला से स्वागत किया. जिसके बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल के बाद आज प्रियंका राहुल गांधी को जाने की परमिशन मिली है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों का जो लोग आंसू पोंछना चाहते हैं, पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर रही है. 3 दिन तक प्रियंका को अवैध तरीके से पुलिस ने हिरासत में रखा जिसका हम सब विरोध करते हैं.
उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच निष्पक्ष हो, ये जिम्मेदारी सरकार की है. फिलहाल ये लगता नहीं कि सरकार की मंशा निष्पक्ष जांच कराने की है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पर संदेह है क्योंकि जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज है वे खुलेआम घूम रहे हैं. कई वीडियो सामने आ रहे हैं. कहीं न कहीं लोगों को बचाने, छुपाने की कोशिश की जा रही है. इस लिए अभी तक किसी के त्यागपत्र नहीं हुए हैं. मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है. सचिन पायलट ने कहा कि नैतिकता बची है तो प्रदेश सरकार के जिम्मेदार नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था तार-तार हो चुकी है.