जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खटास बरकरार है. पायलट ने एक बयान जारी कर केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल के आपत्तिजनक कमेंट निंदा करते हुए माफी मांगने की मांग की है. लेकिन बयान में कहीं भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का जिक्र नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर दिए गए बयान पर पायलट ने नाराजगी तो जताई है लेकिन पायलट ने अपने जारी किए बयान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम नहीं लिखा है.
सचिन पायलट की ओर से जारी किए गए बयान में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के रफीक मंडेलिया के खिलाफ बोलने का तो जिक्र किया है लेकिन यह नहीं लिखा कि केंद्रीय मंत्री एसपीसिंह बघेल ने किस नेता के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया है. ऐसे में साफ है कि अभी गहलोत पायलट के बीच बर्फ पूरी तरीके से पिघली नहीं है. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी केंद्रीय मंत्री के बयान को निंदनीय बताया है.
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अपने बयान में सचिन पायलट ने भाजपा नेताओं के कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ओछी एवं स्तरहीन भाषा का प्रयोग किये जाने को निन्दनीय और अशोभनीय बताया है. पायलट ने कहा कि केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बयानबाजी अमर्यादित है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस नेता रफीक मण्डेलिया के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, वह अशोभनीय है.
राजनीति में वैचारिक विरोध स्वीकार्य
पायलट ने कहा कि राजनीति में वैचारिक विरोध स्वीकार्य होता है. निजी हमलों से बयानवीर नेताओं की साख को ही ठेस पहुंचती है. जनता में भी नकारात्मक संदेश जाता है. पायलट ने कहा कि भाजपा के नेता उपचुनाव में हार के डर के कारण इस तरह की स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. जिसका स्वच्छ राजनीति में कोई स्थान नहीं है.
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस तरह की अशोभनीय शब्दावली का इस्तेमाल करके जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल और राजेन्द्र राठौड़ को अपने स्तरहीन शब्दों के प्रयोग के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए.