जयपुर.केन्द्र सरकार पर मजदूरों और कामगारों की मांगों को मनवाने के लिए एआईसीसी की ओर से बुधवार को पूरे देश में 'स्पीक अप इंडिया' अभियान चलाया गया. इसमें केन्द्र सरकार से 10 हजार रुपए कैश ट्रांसफर, श्रमिकों व कामगारों के लिए फ्री परिवहन और मनरेगा के काम को 100 दिन से 200 दिन करने की मांग रखी गई. इस अभियान में शामिल होते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार की नितियों पर सवाल उठाया.
'स्पीक अप इंडिया' अभियान की हुई शुरूआत पायलट ने कहा कि अब लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने जा रहा है, लेकिन उसके बाद क्या रणनिति रहेगी, कैसे आगे बढ़ना है. इसे लेकर अभी तक केन्द्र सरकार की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है. श्रमिकों और कामगारों के पैदल निकलने के लिए सभी को सामूहिक जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इससे दयनीय हालत हम पैदा नहीं कर सकते थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन स्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार को जो आर्थिक सहायता और संसाधन मिलना था, वो केन्द्र ने नहीं दिया. जब बस, ट्रेन बंद हुई और श्रमिक पैदल निकले, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्षा सोनियाा गांधी ने इन श्रमिकों के परिवहन का खर्च देने की बात कही.
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वहीं प्रियंका गांधी ने यूपी के श्रमिकों को वापस ले जाने के लिए 1 हजार बसें भेजवाई, जो संकीर्ण सोच के साथ राजनीति करते हुए लौटा दी गई. पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार के 20 लाख के पैकेज से लोगों को कुछ नहीं मिलेगा. ऐसे में जो गरीब हैं, जिनके आर्थिक हालात खराब हैं. ऐसे लोगों को अगर आज कैश सहायता नहीं मिली तो उन्हें कोई फायदा नहीं होगा. ऐसे में आज के अभियान से हमारी केन्द्र से मांग है कि गरीब जनता को तुरन्त 10 हजार रुपए दिए जाएं.
वहीं उन्होंने कहा कि इस भयानक स्थिति से उभरने के लिए मनरेगा ही एकमात्र रास्ता है, जिससे गांव के गरीब को फायदा मिल सकता है. आज राजस्थान में सर्वाधिक 41 लाख लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि हम जानते थे कि जब लोग लौटेंगे उनके पास रोजगार होगा नहीं होगा. ऐसे में हमने पहले से योजना बनाकर रखी थी. 80 प्रतिशत काम जो हो रहा है, उसमें लोग स्वयं के मकान, शौचालय बनाने का काम दिया जा रहा है. 18 अप्रैल को 62 हजार से बढ़कर आज 41 लाख हो गया है, लेकिन हमारी केन्द्र सरकार से मांग है कि 100 दिन रोजगार को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए.
पायलट ने कहा कि 'स्पीक अप इंडिया' अभियान के तहत कांग्रेस की गरीब, किसान और मजदूर जो सबसे ज्यादा पीड़ा में है. उसकी आवाज केन्द्र सरकार तक पहुंचा रहे हैं. आम लोग भी इसमें शामिल होकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाएं. क्योंकि केन्द्र सरकार तो अभी 6 साल की उपलब्धियों को गिनाने में व्यस्त है, जिसका ये समय नहीं है. ऐसे मे केन्द्र सरकार पर दबात बनाना ही एकमात्र रास्ता है कि देश के गरीब, पिछड़े और किसानों को राहत मिल सके.