जयपुर. स्थानीय निकाय चुनाव हाइब्रिड फॉर्मूले से करवाने के विरोध में फिर एक बार पायलट बोलते नजर आए है. उन्होंने इसे राजीव गांधी के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के खिलाफ बताया है. पायलट ने कहा जो पार्षद नहीं बन सके वे अब मेयर बन जाएं, यह गणतंत्र के खिलाफ है.
पायलट ने कहा हाइब्रिड फॉर्मूला अपनाने का कदम गलत होगा राजस्थान में हाइब्रिड सिस्टम से निकाय चुनाव करवाने का फैसला अब मंत्री शांति धारीवाल पर उल्टा पड़ता हुआ नजर आ रहा है. इस मामले पर पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने जबरदस्त विरोध किया है. पायलट ने कहा है कि सरकार को अपने इस कदम पर पुनर्विचार करना चाहिए. जो कदम सही नहीं हो उस पर पुनर्विचार करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस आलाकमान तक इसकी शिकायत पहुंचने के बाद बुधवार रात को शांति धारीवाल ने सचिन पायलट से चर्चा भी की, लेकिन सचिन पायलट अपने निर्णय पर अडिग हैं.
उन्होंने धारीवाल को साफ कह दिया है कि जो बात उन्होंने पब्लिकली बोली है वही उनका निर्णय है. पायलट ने कहा कि ऐसा कोई मौका किसी को नहीं मिलना चाहिए जो कि राजीव गांधी के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद मिले लोकल बॉडी की ताकत को कम करे. राजीव गांधी के अनुसार लोकल बॉडी में पब्लिक पार्टिसिपेशन जरूरी था. इससे जवाबदेही भी तय होती है.
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डिप्टी पायलट ने कहा कि इस मामले पर सबकी राय आ चुकी है और यह किसी व्यक्ति मंत्रालय या नेता की बात नहीं है. यह केवल सिद्धांत की बात है. पूरे देश में किसी भी प्रदेश ने इसे नहीं अपनाया है. उसे हम अपना कर दूसरी पार्टियों को मौका क्यों दे रहे हैं. पायलट ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता जो पार्षद बनने के लिए मेहनत करता है, वह मेयर बनने का सपना भी देखता है. ऐसे में हाइब्रिड फॉर्मूला लोकतांत्रिक नहीं होगा.