जयपुर. यूक्रेन में तनाव के हालातों के बीच (Russia Ukraine War) वहां पर फंसे भारतीयों को वापस लाने को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार लगातार फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिए अलग- अलग तरीके से प्रयास कर रही है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और भारतीय दूतावास से उम्मीद की है कि हंगरी और पोलैंड के वैकल्पिक रास्तों से भारतीयों को निकालने में कामयाब होंगे.
सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि रूस एवं यूक्रेन के बीच सैन्य टकराव के कारण बने हालात चिंताजनक हैं. सैकड़ों राजस्थानियों समेत हजारों भारतीय इस हालात में यूक्रेन में फंसे हैं, जिनमें अधिकांश विद्यार्थी हैं. मैं आशा करता हूं कि भारतीय दूतावास हंगरी व पोलैंड के वैकल्पिक रास्तों से भारतीयों को निकालने में कामयाब होगी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि इराक-कुवैत युद्ध के दौरान भी हजारों भारतीयों को एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया था, उम्मीद है कि यूक्रेन से भी इसी तरह सब भारतीयों की सुरक्षित वापसी होगी.
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यूक्रेन से राजस्थानी स्टूडेंट्स को लाएगी गहलोत सरकारः यूक्रेन में बनी वर्तमान परिस्थितियों के बीच गहलोत सरकार राजस्थानी स्टूडेंट्स को यूक्रेन से वापस लाने के लिए राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव को नोडल ऑफिसर पहले ही बना दिया है. धीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व में लगातार यूक्रेन में फसें व्यापारियों और स्टूडेंट्स को लाने को लेकर एम्बेसी से संपर्क किया जा रहा है.
सीएम गहलोत ने पहले भी किया था ट्वीटः सीएम अशोक गहलोत ने दो दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि यूक्रेन में बनी वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनज़र वहां रह रहे राजस्थानी स्टूडेंट्स को लेकर चिंतित हूं. जो स्टूडेंट्स वापस लौटना चाहते हैं, प्रदेश सरकार एम्बेसी और भारत सरकार से कॉर्डिनेट करके उनकी वापसी के लिए हर संभव सहयोग करेगी.
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बता दें, रूस के यूक्रेन पर विशेष सैन्य अभियान की घोषणा के बाद वहां और दुनियाभर में घटनाक्रम तेज़ी से बदल ले रहे हैं जिससे भारत भी अछूता नहीं रहा है. इसका असर जहां भारत से यूक्रेन पढ़ाई करने गए छात्रों पर पड़ रहा है.