जयपुर. एसीबी की ओर से बिना प्रोसेस के आरएएस अधिकारी भागचंद बधाल को पूछताछ के लिए ले जाने का मामला (Ruckus Over Custody of RAS Bhagchand Badhal) थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर 70 से ज्यादा आरएएस अधिकारी सोमवार को मुख्यसचिव के दफ्तर पहुंचे. सीएस से मिलने पहुंचे एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने साफ कर दिया कि एसीबी के अधिकारियों की मांफी से बात खत्म नहीं होगी. जिम्मेदार एसीबी के अधिकारी पर कार्रवाई हो. सीएस ने एसोसिएशन को तीन दिन में कुछ सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
एसोसिएशन की यह है मांग : आरएएस डॉक्टर भागचंद बधाल प्रकरण प्रकरण में एसोसिएशन के पदाधिकारी आज एक बार फिर बड़ी संख्या में मुख्यसचिव उषा शर्मा से मिलने पहुंचे. एसोसिएशन ने नाराजगी जताई कि कथित रूप से गलत ढंग से पूछताछ के लिए ले जाने वाले अफसर के खिलाफ कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है. इसके साथ ही एसोसिएशन ने अधिकारियों से पूछताछ के लिए ले जाने, हिरासत में लेने और गिरफ्तारी के स्टैंडर्ड प्रॉसिजर तय नहीं किए जाने पर भी नाराजगी जताई. मुख्य सचिव ने एसोसिएशन की मांगों को सुनने के बाद उन्हें आश्वस्त किया कि 3 दिन में इस मामले में कुछ सकारात्मक कार्रवाई सामने आएगी.
एसीबी की मॉनिटरिंग के लिए बने जांच एजेंसी : आरएएस एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण मील ने कहा कि एसीबी की गई कार्रवाई ऐसी हो रही है, जिसमें निर्दोष अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कई बार गलत कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एसीबी भले ही रोज भ्रष्ट आरएएस को पकड़े, लेकिन निर्दोष को पकड़ना स्वीकार नहीं करेंगे. मील ने कहा कि पिछले दिनों एक AEN को एसीबी ने गिरफ्तार किया. जिस वॉइस रिकॉर्ड के आधार पर उसे 35 दिन रखा जेल में रखा वो गलत साबित हुई. बाद में एसीबी ने उस मामले में एफआर लगा दी. यह ह्यूमिलेशन सहन नहीं किया जाएगा. एसीबी से शिकायत हो तो उसके खिलाफ शिकायत सुनने के लिए स्वतंत्र एजेंसी होनी चाहिए. इसकी भी डिमांड मुख्यसचिव और गृह विभाग के एसीएस से की है.
सीएमओ से चीफ सेकेट्री तक : दरअसल, अब ये मामला आरएएस V/S एसीबी हो गया है. इस बार मामला अमरबेल की तरह आगे बढ़ गया है. सीएमओ से लेकरचीफ सेक्रेटरी और एसीबी दफ्तर के साथ सरकारी महकमों में हलचल मची हुई है. सब की निगाहें इस ओर है कि आरएएस एसोसिएशन के दबाव में एसीबी के अधिकारियों पर कोई एक्शन लिया जा सकता है. हालांकि, सीएम के मामला संज्ञान में आने के साथ ही मुख्य सचिव को मामला सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी रखी है कि वो इस मामले में निष्पक्षता के जांच करे.
माफी से नहीं बनी बात : बता दें कि एसोसिएशन के बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्य सचिव उषा शर्मा ने घटना के एक दिन बाद ही एसीबी के उच्च अधिकारियों को बुलाया. जिसमें एसीबी डीआईजी सवाई सिंह और ADG दिनेश एमएन ने इस मामले में माफी मांगी. दोनों अफसरों ने बधाल प्रकरण पर सीएस के सामने एसोसिएशन और बधाल से माफी मांगी. लेकिन एसोसिएशन सिर्फ माफी से मानने वाली नहीं है. एसोसिएशन चाहती है कि जिस एसीबी के अफसर ने कर्रवाई की, उसे सस्पेंड किया जाए, साथ ही भविष्य में इस तरह की कार्रवाई एसीबी नहीं करे, इसके लिए नियम बनाने पर अड़ी हुई है.
एसीबी पर उठे सवाल : एसोसिएशन ने साफ कर दिया था कि माफी समाधान नहीं है. अगर माफी ही किसी भी गलती का समाधान हो तो अधिकारियों को चार्जशीट या अन्य कार्रवाई के नियम क्यों बने हैं.अफसर की इज्जत गई है. ये बर्दाश्त से बाहर है.