जयपुर. बाड़मेर में आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा से निर्मम पिटाई और पैरों में कील ठोंकने की घटना (RTI activist Amraram case raised in the assembly) की गूंज गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में भी सुनाई दी. शून्यकाल में आरएलपी विधायक और प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग के साथ ही उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore and Pukhraj Garg in assembly) ने यह मामला उठाया. उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी और मामले की एसओजी से जांच कराने की मांग की है.
शून्यकाल में आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग ने यह मामला स्थगन के जरिए उठाते हुए सदन में 21 दिसंबर को हुए इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. साथ ही कहा कि बदमाशों ने अमराराम गोदारा को ना केवल निर्ममता से मारा बल्कि उसके पांव में कील ठोंक दी. गोदारा ने कहा कि इस मामले में जिन 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था उनमें से केवल 4 को ही अब तक गिरफ्तार किया गया. जबकि चार अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.
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गर्ग ने आरोप लगाया कि आरोपी को कांग्रेस के पूर्व मंत्री और भाजपा के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है. आरएलपी विधायक ने इस घटनाक्रम में दोषी लोगों के साथ ही उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की है जो आरोपियों को बार-बार बचाने का काम कर रहे हैं.
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पहला मामला नहीं कई मामले हुए इस सरकार में
शून्यकाल में ही प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी यह मामला उठाया और घटना की एसओजी से जांच करवाने की मांग की. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा अमराराम से जुड़ा यह पहला मामला नहीं, बल्कि प्रदेश में पिछले दिनों ऐसे 16 अलग-अलग मामले भी हो चुके हैं.
राठौड़ ने कहा कि आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा के साथ ना केवल निर्मम मारपीट की गई बल्कि उसे यूरिन तक पिला दी गई. राठौड ने कहा इस घटना के बाद भी अब पीड़ित को धमकियां मिल रही हैं. ऐसे में सरकार पीड़ित को सुरक्षा देने के साथ ही दोषी पुलिस अधिकारी और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर सख्त सजा दे.