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कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिए 3000 करोड़ रूपये की मंजूरी

राजस्थान सरकार के कार्यरत और सेवानिवृत कार्मिकों के लिए कर्मचारी कल्याण कोष को गठन किया जाएगा. कोष के लिए सरकार ने 3 हजार करोड़ रूपये की राशि की मंजूरी दे दी है. इस कोष से कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा, आवास, उच्च अध्ययन, वाहन ऋण एवं बच्चों के लिए छात्रवृति सहित अन्य योजनाएं संचालित की जाएंगी.

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कर्मचारी कल्याण कोष

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Published : Jul 6, 2021, 5:50 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान बजट 2021-22 की घोषणा की क्रियान्विति के क्रम में कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार इस कोष का संचालन निदेशक बीमा की ओर से किया जाएगा.

इसके लिए नया बजट मद खोला जाएगा और कोष के तहत योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया अलग से निर्धारित की जाएगी. मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार इस कोष के माध्यम से राज्य में सेवारत तथा सेवानिवृत कर्मियों के कल्याण के लिए नई योजनाओं को लागू कर बजट जारी किया जाएगा.

इन योजनाओं में मिलेगा लाभ

राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) में अंशदान, आवास ऋण, उच्च अध्ययन के लिए ऋण, व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण, कामकाजी महिलाओं के लिए कार्यालयों में क्रेच तथा अल्प वेतन भोगी कार्मिकों के बच्चों के लिए प्रतिभावान छात्रवृति योजना.

कर्मचारी कल्याण कोष का उद्देश्य कर्मचारी कल्याण और सामाजिक सहायता के साथ-साथ राजकार्य का बेहतर निष्पादन भी है. ऐसे में राज्य सरकार इस कोष के माध्यम से कर्मचारी कल्याण के लिए भविष्य में आवश्यकतानुसार अन्य अतिरिक्त सेवाएं भी सशुल्क अथवा निशुल्क उपलब्ध करवा सकती है.

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उल्लेखनीय है कि राज्य कार्मिकों एवं पेंशनरों को राजकीय अस्पतालों के साथ-साथ अनुमोदित निजी चिकित्सालयों में बेहतर एवं गुणवत्तापूर्वक विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं कैशलेस उपलब्ध करवाने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है. इस योजना के लिए राज्य सरकार के अंशदान का वित्त पोषण निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इस कोष से किया जा सकेगा.

इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस कोष के माध्यम से 15 लाख रूपये की अधिकतम सीमा तक 10 वर्ष तक की अवधि के लिए आवास ऋण, पुत्र-पुत्री अथवा आश्रित के लिए देश-विदेश में उच्च अध्ययन के लिए 5 लाख रूपये की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए उच्च अध्ययन ऋण, आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 3 लाख रूपये की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए व्यक्तिगत ऋण और 5 लाख रूपये की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए वाहन ऋण आदि उपलब्ध कराए जाएंगे.

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