जयपुर : सोशल मीडिया पर धार्मिक मान्यताओं पर मानो इन दिनों शीत युद्ध चल रहा है (RPS officers on Social Media). खासकर प्रशासनिक महकमे से जुड़े अधिकारियों की ओर से धार्मिक मान्यताओं और जातिवादी विचारधारा पर ये विवाद चल रहा है. RAS केसर लाल मीणा और AAO पिंटू मीणा के बयान का आरपीएस हरिचरण मीणा ने भी सोशल मीडिया पर खुलकर समर्थन किया है. वो दो कदम आगे बढ़े हैं और रामायण और महाभारत को साथ ही उन्होंने रामायण और महाभारत को भी केवल एक मिथकीय ग्रंथ बताया. उन्होंने दावा किया कि इनकी इतिहास में प्रामाणिकता स्वीकार नहीं.
ये लिखा हरिचरण मीणा ने: आरएएस केसर लाल मीणा और पिंटू मीणा के बाद आरपीएस हरिचरण मीणा ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक विवादित पोस्ट की (RPS Controversial Posts On Ramayan). मीणा ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए आरएएस केसर लाल मीणा और पिंटू मीणा को धन्यवाद दिया. कहा- टीम मानवतावादी विश्व समाज की अवधारणा अब सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि अपने बयान पर माफी नहीं मांगें कोर्ट में लड़कर जवाब देना. मीणा ने आगे लिखा कि अगर किसी को लगता है तो वो बिना पंख के बंदर और भालू को उड़ा सकता है तो आज भी कोई कोर्ट के सामने उड़ा कर दिखाएं. पूरा देश देखने को तैयार है. हरिचरण ने आगे लिखा रामायण और महाभारत केवल मिथकीय ग्रंथ हैं. इतिहास में उनकी प्रामाणिकता स्वीकार नहीं. ये मैं नहीं कहता, भारत के इतिहास में लिखा है.
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महाराजा जयसिंह बाबर के वंशजों के नौकर:आरपीएस हरिचरण मीणा ने उसके बाद फिर सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट की. अब लिखा- अपने चारण, भाट, दरवारी, इतिहास लेखकों ने तो महाराजा जयसिंह द्वितीय ही बताया है. अब काबुल के शिलालेख मुगल बाबर के वंशजों का नौकर बताएं तो हम क्या करें ?? हम देश के साथ हैं .