जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक नया टाइगर (Tiger in Nahargarh Biological Park) लाया गया है. 4 वर्ष का रॉयल बंगाल टाइगर शिवाजी अब नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बढ़ाएगा. मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित गांधी जूलॉजिकल पार्क से मंगलवार को टाइगर शिवाजी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में फॉरेस्ट की टीम मेल टाइगर शिवाजी लेकर मंगलवार दोपहर को नाहरगढ़ पार्क पहुंची.
सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन के बाद एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत नाहरगढ़ टाइगर सफारी के लिए बाघ 'शिवाजी' को ग्वालियर से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है. टाइगर के बदले गांधी जूलॉजिकल पार्क ग्वालियर को एक जोड़ा भेड़िया, एक जोड़ा इंडियन फॉक्स और एक लेपर्ड दिया गया है. ग्वालियर से 400 किलोमीटर का सफर तय करके सुरक्षित तरीके से टाइगर शिवाजी को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है. नाहरगढ़ में शुरू होने वाली टाइगर सफारी के लिए टाइगर शिवाजी को लाया गया है.
एसीएफ और रिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक ने क्या कहा... टाइगर शिवाजी को 21 दिन रखा जाएगा क्वारंटाइन : वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में वन विभाग के कर्मचारी माधोलाल मीणा, दिग्विजय सिंह और सुरेंद्र सिंह समेत अन्य कर्मचारी टाइगर को लेकर जयपुर पहुंचे हैं. टाइगर शिवाजी को 3 सप्ताह क्वारंटाइन रखा जाएगा. 24 घंटे टाइगर की मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ओडिशा से लाई गई बाघिन रानी के साथ जोड़ा बनाकर डिस्प्ले में छोड़ा जाएगा. टाइगर शिवाजी के आने से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अब बाघों की संख्या 6 हो गई है.
400 किलोमीटर का सफर रहा चुनौतीपूर्ण : वरिष्ठ बने जो पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के मुताबिक 400 किलोमीटर का सफर तय करके टाइगर को सुरक्षित तरीके से लाना बड़ा चुनौतीपूर्ण रहा है. बिल्कुल धीमी रफ्तार में टाइगर को लाया गया. प्रति 50 किलोमीटर पर ब्रेक लेकर टाइगर शिवाजी की सार संभाल की गई, ताकि किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो सके. ज्यादा गर्मी होने की वजह से पानी में ग्लूकोज और इलेक्ट्रोल दिया गया. खाने में चिकन और मटन दिया गया. टाइगर शिवाजी को 3 सप्ताह क्वारंटाइन में रखने के बाद बागी रानी के साथ जोड़ा बनाया जाएगा.
जल्द शुरू होगी टाइगर सफारी : राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द टाइगर सफारी शुरू होने वाली है. टाइगर सफारी के लिए (Tiger Safari in Nahargarh) टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी शुरू होने के बाद जयपुर में चार सफारी हो जाएगी. जयपुर में झालाना लेपर्ड सफारी, आमागढ़ लेपर्ड सफारी, नाहरगढ़ लायन सफारी पहले से ही हैं और अब टाइगर सफारी भी शुरू होने जा रही है. नाहरगढ़ की लायन सफारी पहले से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. अब टाइगर सफारी भी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र रहेगी.
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टाइगर शिवाजी का फीमेल टाइग्रेस रानी के साथ बनाया जाएगा जोड़ा : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी विकसित की जाएगी. जेडीए की ओर से एक साल में टाइगर सफारी का काम पूरा कर लिया जाएगा. सफारी के लिए टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन के बाद एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ग्वालियर से टाइगर शिवाजी को लाया गया है. टाइगर के बदले एक इंडियन वुल्फ का जोड़ा, एक इंडियन फॉक्स का जोड़ा और एक पैंथर दिया गया है. पहले ओडिशा से फीमेल टाइगर रानी को लाया गया था. टाइगर शिवाजी का फीमेल टाइग्रेस रानी के साथ जोड़ा बनाया जाएगा. दोनों का जोड़ा बनने से सफल प्रजनन होने की उम्मीद है. इसके अलावा दो फीमेल टाइगर नागपुर से लाने का प्रयास किया जा रहा है. सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन मिलते ही नागपुर से दो फीमेल टाइगर लाए जाएंगे.
नाहरगढ़ में रॉयल बंगाल टाइगर... इंडियन वुल्फ के बदले आसानी से मिल जाते हैं वन्यजीव : इंडियन वुल्फ की देश के अन्य चिड़ियाघरों में काफी डिमांड रहती है. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन हुआ है. नाहरगढ़ पार्क में इंडियन वुल्फ अच्छी तादाद में है. इंडियन वुल्फ के बदले कोई भी वन्यजीव बड़ी आसानी से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मिल जाता है. वुल्फ के बदले पहले भी कई वन्यजीव नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में (Wild Life Sanctuary in Rajasthan) लाए जा चुके हैं. हर साल नाहरगढ़ पार्क में इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन होता है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जिन प्रजातियों के वन्यजीव नहीं है, वह भी आने वाले समय में वुल्फ के बदले लाए जा सकेंगे. इंडियन वुल्फ के प्रजनन में पूरे देश में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क अव्वल नंबर पर आया है.
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30 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जाएगी टाइगर सफारी : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 30 हेक्टेयर एरिया में टाइगर सफारी विकसित की जाएगी. सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के अनुसार 5 फीट ऊंची फेंसिंग की जाएगी. 30 हेक्टेयर क्षेत्र में चारों तरफ फेंसिंग की जाएगी. 10 नाइट शेल्टर बनाए जाएंगे जो रात्रि के समय वन्यजीव को रखा जाएगा. करीब 8 किलोमीटर लंबा टाइगर सफारी ट्रैक बनाया जाएगा. वन्यजीवों के पानी पीने के लिए वाटर बॉडीज बनाई जाएगी. टाइगर सफारी में छायादार पौधे लगाए जाएंगे, ताकि पूरे 12 महीने हरियाली बनी रहे. जूली फ्लोरा का उन्मूलन करने के बाद ग्रास लैंड भी विकसित की जाएगी. सफारी में टाइगर स्वच्छंद रूप से वातावरण का लुत्फ उठा सकेंगे.
टाइगर सफारी के लिए करीब 7.5 करोड़ रुपये का बजट : शुरुआत में टाइगर सफारी में एक टाइगर छोड़ा जाएगा. उसके बाद टाइगर का जोड़ा बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में शावक होकर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके. टाइगर के प्रजनन के लिए अच्छा केंद्र डवलप किया जाएगा. टाइगर सफारी को विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी की जा रही है. टाइगर सफारी के लिए करीब 7.5 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.